सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को लगा झटका, जानिए क्यों हुई 50% ईवीएम की वीवीपैट से मिलान वाली मांग खरिज

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लोकसभा चुनाव अभी पूरे भी नहीं हुए लेकिन 23 मई 2019 के लिए तैयारियां तेजी से शुरू हो गयी है | विपक्षी दलों ने ईवीएम पर अभी से सवाल उठाने शुरू कर दिए है, इसके लिए 21 दलों ने सप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी इस याचिका में विपक्षी दलों ने 50% ईवीएम को वीवीपैट से मिलान करने की मांग की थी | इस मांग को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है |

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याचिका खारिज करने का कारण

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका के पहले ही प्रत्येक विधान सभा की पांच ईवीएम का वीवीपैट मशीन से मिलान करने का आदेश दे चुकी थी | विपक्षी दल इसके स्थान पर पचास प्रतिशत ईवीएम का वीवीपैट से मिलान चाहते है जिसमें अधिक समय लग सकता है और मतगणना भी सही समय पर समाप्त नहीं हो पायेगी |

विपक्ष का रुख

विपक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी है जोकि याचिका की पैरवी कर रहे है | इन्होंने कहा कि “वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। उनकी याचिका ईवीएम को लेकर नहीं, बल्कि वीवीपैट को लेकर थी |”

इससे पहले मतगणना के समय नियम यह था कि किसी भी विधानसभा के किसी भी बूथ की ईवीएम का वीवीपैट से मिलान किया जा सकता था | इस नियम में बदलाव करने के लिए विपक्षी 21 पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी |

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया था जिसमें कोर्ट ने एक विधानसभा के 5 बूथों की ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने का आदेश पारित किया था | सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद विपक्षी पार्टियों ने पुनर्विचार की  दोबारा याचिका डाली थी जिसे कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया है | कोर्ट ने इसके लिए कहा है कि एक ही मामले को बार-बार नहीं सुना जा सकता है, इसके बाद कोर्ट ने कहा है कि हम अपने पुराने आदेश में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं करेंगे | इस पर विपक्षी वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के सामने 50 प्रतिशत से कम 25 प्रतिशत मिलान करने की मांग की थी जिसे भी कोर्ट द्वारा नहीं माना गया और याचिका को खारिज कर दिया गया |

इस पर विपक्षी वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि “हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं । सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा की 5 बूथों पर वीवीपैट के मिलान की बात कही थी जो ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है।”

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