चंद्रयान-2 को निचली कक्षा में उतारने का दूसरा चरण हुआ पूरा, अब रहेगा लैड़िग का इंतजार

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Chandrayaan-2: बुधवार 4 सितंबर को इसरो ने  चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सबसे निचली कक्षा में उतार दिया है| इसरो ने यह अपना दूसरा चरण भी सफलतापूर्वक पूरा कर दिखाया है| इसरो के वैज्ञानिकों ने तड़के 3:42 बजे ऑन बोर्ड पोपल्‍शन सिस्‍टम का इस्‍तेमाल किया और लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सबसे निचली कक्षा में सफलता पूर्वक उतार दिया। इसके बाद अब पूरी दुनिया 7 सितंबर को तड़के 1.55 बजे के उस ख़ास पल का इन्तजार कर रहीं है, जब निर्धारित कार्यक्रम के तहत लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह पर उतरेगा|

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नौ सेकेंड में पूरी हुई प्रक्रिया 

भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन ने जानकारी देते हुए बताया कि, “चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सबसे नजदीकी कक्षा (35×97 किलोमीटर) में ले जाने का कार्य बुधवार को तड़के तीन बजकर 42 मिनट पर सफलतापूर्वक और पूर्व निर्धारित योजना के तहत किया गया। पूरी प्रकिया कुल नौ सेकेंड की रही। अब अगले तीन दिनों तक लैंडर विक्रम चांद के सबसे नजदीकी कक्षा 35×97 किलोमीटर में चक्कर लगाता रहेगा। इन तीन दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की जांच की जाती रहेगी। “

इसरो साथ सितम्बर को रचेगा इतिहास

योजना के मुताबिक, यदि सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो, लैंडर विक्रम और उसके भीतर मौजूद रोवर प्रज्ञान के सात सितंबर को देर रात एक बज कर 30 मिनट से दो बज कर 30 मिनट के बीच चंद्रमा के सतह पर उत्तर सकता है।

वहीं लैंडर विक्रम दो गड्ढों, मंजि‍नस सी और सिमपेलियस एन के बीच वाले मैदानी हिस्‍से में लगभग 70° दक्षिणी अक्षांश पर लैंड करने का काम करेगा। चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान उसी दिन सुबह पांच बज कर 30 मिनट से छह बज कर 30 मिनट के बीच निकल जाने के प्रयास में रहेगा|

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