आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अमरावती की ड्रीम कैपिटल परियोजना को एक बड़ा झटका लगा, क्योंकि विश्व बैंक ने इसके लिए 300 मिलियन का कर्ज ना देने का फैसला किया है। विश्व बैंक की वेबसाइट पर परियोजना की स्थिति ‘Dropped’ दिख रही है। नागरिक समाज समूहों (सिविल सोसाइटी) से शिकायतें मिलने के बाद वर्ल्ड बैंक ने यह फैसला किया है, जिसमें कहा गया, कि इस परियोजना में हजारों लोग विस्थापित हो गए थे और सरकार ने जबरन खेती की जमीनों का अधिग्रहण किया था।
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मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पूरी परियोजना की लागत लगभग 715 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जिसमें से वर्ल्ड बैंक 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर फंड देने वाला था। इस परियोजना को एक अन्य बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसी एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) द्वारा सह-वित्तपोषित किया जाना था। बीजिंग स्थित एआईआईबी ने 200 मिलियन अमरीकी डॉलर देने का वादा किया था, परन्तु अब विश्व बैंक नें अपना यह निर्णय रद्द कर दिया है|
गैर-सरकारी संगठनों की कई याचिकाओं के आधार पर, विश्व बैंक ने इस पर एक निरीक्षण रिपोर्ट मांगी थी, कि क्या तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार ने सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया था और क्या राजधानी शहर के निर्माण ने सभी नियमों और विनियमों का पालन किया था। इस वर्ष जनवरी में निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, जिसमें लगभग 50 बिंदुओं पर निरीक्षण किया गया था, लेकिन यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है।
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