एक बार फिर आतंकी अपने गलत मंसूबो में कामयाब हो गये हैं, भारत के इतिहास में 14 फरवरी 2019 का ये दिन काला दिन माना गया है, जिसमे देश के कई जवानों को जान गवानी पड़ी | जैश-ए-मोहम्मद जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक बहुत ही कायराना हरकत को अंजाम दिया है जैश ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया, जिसमे 37 जवान शहीद हुए है|
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के पंजाब में खड़े होकर जैश के संस्थापक मसूद अजहर के भाई अब्दुल राउफ असगर ने धमकी देते हुए ऐलान किया था कि आतंकी अफजल गुरु को दी गई फांसी का बदला बहुत जल्द लिया जाएगा | मिली जानकारी के मुताबिक, अनुमान लगाया जा रहा है कि जैश घाटी में एक बार फिर से हमले की पूरी तैयारी की जा रही है |
यदि हम एक बार आंकड़ों पर नजर डालें तो 2002 में भी जम्मू के कालूचक आर्मी कैंट में मई में हुए हमले से भी गुरूवार का यह हमाला काफी खतरनाक और भयानक रहा है | हमले के समय 37 जवान शहीद हो गये | इसमें आतंकी एक स्थानीय लड़का भी शामिल था, जिसने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है | उस शख्स का नाम आदिल अहमद डार है जो पुलवामा के काकापोरा गांव में रहता है |
कश्मीर में सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि जैश मोहम्मद के पास दक्षिण कश्मीर में 40 जिहादी मौजूद हैं और इस घाटी में ISI जैश को फिर से शामिल करने के प्रयास में है। एक डिफेंस अधिकारी ने कहा कि खासकर इस बात ध्यान केन्द्रित किया जाए कि कैसे स्थानीय युवाओं को जैश में शामिल होने पर रोका जाए | अब यही प्रयास करना है कि जैश को कश्मीरी युवाओं को सूइसाइड बॉम्बर बनाने से कैसे रोका जाए |
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार,जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी को सीआरपीएफ जवानों के काफिले की बस में टक्कर मारते हुए अपने अंजाम को पूरा किया और जिसमे 39 जवान शहीद होने की पुष्टि हुई है |
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