उत्तर प्रदेश की अदालतों में इस समय पेंडिंग केसों की भरमार है | सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश की निचली अदालतों की स्थिति यह है, कि यहाँ पर 140 ऐसे केस हैं, जो लगभग 60 वर्षो से अदालत में लंबित पड़े हैं | उन केसों पर किसी तरह की सुनवाई नहीं की जा रही है | इसी प्रकार जिला आदलतों में लगभग 66 हजार ऐसे केस हैं, जो 30 साल से भी अधिक लंबित पड़े हैं | इन केसों पर सुनावाई होगी भी या नहीं, यह कहा नहीं जा सकता है, और वहीं लगभग 60 लाख केस ऐसे हैं, जो पांच वर्ष पूर्व दर्ज किये गये थे, वह सभी केस अदालतों में ऐसे ही लंबित पड़े है |
सरकार द्वारा किए गए मूल्यांकन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिस प्रकार केसों का निपटारा किया जा रहा है, वैसे विभिन्न न्यायालयों में चल रहे पेंडिंग केसों को समाप्त करने में 324 वर्ष का समय लग जाएगा । वर्तमान में लंबित मामलों की संख्या 2.9 करोड़ तक पहुंच चुकी है
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक जनसंख्या होने के कारण सबसे अधिक लंबित पड़े हुए केस यही से हैं | यूपी के लगभग 26 हजार केस अदालत में लंबित हैं | इन मामलों पर लगभग 30 वर्ष से कोई सुनवाई नहीं हुई हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र में भी 13 हजार केस लंबित पड़े हैं, जिन पर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है | इसी प्रकार महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात और ओडिशा की स्थिति भी ऐसी ही है |



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