हाल ही में केंद्र सरकार नें ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में संशोधन किया है, कंपनियों को इसे एक फरवरी से लागू करना है | ऐमजॉन, वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट और दूसरी ऑनलाइन मार्केटप्लेस सरकार से यह गुहार लगा सकती हैं, कि ई-कॉमर्स के लिए फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) नियमों में किये गये संशोधन को एक फरवरी से लागू ना करके कुछ समय और दिया जाये। इन कंपनियों का कहना है कि इतने कम समय में बिजनेस मॉडल को परिवर्तित करना अत्यंत कठिन है, इसलिए अंतिम तिथि को और आगे बढाया जाए।
एमेजॉन (AMAZON) और फ्लिपकार्ट (FLIPKART) ने इस संबंध कहा कि सरकार द्वारा किये गये संशोधन में मुख्य रूप से दो बाते ऐसी है, जिसके कारण बड़े बदलाव करने होंगे। पहला, किसी भी वेंडर में मार्केटप्लेस या उसकी ग्रुप कंपनियों का इक्विटी स्टेक नहीं हो सकता है तथा दूसरी बात वेंडर अपनी 25 प्रतिशत से अधिक खरीदारी मार्केटप्लेस की होलसेल यूनिट सहित किसी इकाई से करे तो यह माना जाएगा कि वेंडर की इनवेंटरी पर उस मार्केटप्लेस का कंट्रोल है। एफडीआई नियमों के अनुसार, मार्केटप्लेस एंटिटी या उसकी ग्रुप कंपनियां इनवेंटरी पर नियंत्रण नहीं रख सकती।
फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन ने कहा, कि वह भारतीय नियमों का पालन करेगी। ‘हम भारतीय बाजार के लिए प्रतिबद्ध हैं। विचार-विमर्श के माध्यम से मार्केट आधारित फ्रेमवर्क बनाना अनिवार्य है । हम आशा करते है, कि निष्पक्ष और ग्रोथ बढ़ाने वाली ऐसी नीतियों को बढ़ावा देने के लिए हम सरकार के साथ मिलकर काम कर पाएंगे जिनसे यह नया सेक्टर विकास करता रहेगा और भारत एक कॉम्पिटीटिव इकनॉमी बनेगा।’ वर्तमान में दोनों कंपनियां अपनी रणनीति बना रही हैं, और जल्द ही अपनी बात सरकार के समक्ष अलग-अलग रख सकती हैं।