अब जेट एयरवेज के पायलट पहुंचे सुप्रीम कोर्ट की शरण में – जानिए क्या है वजह

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जेट एयरवेज को अस्थायी तौर पर बंद करने का निर्देश जारी हुआ जिससे इसकी सभी उड़ानों पर रोक लगा दी गयी जेट एयरवेज की उड़ाने बंद होने से इसके लगभग 22,000 कर्मचारी बेरोजगारी की समस्या से परेशान है, अब इसके कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है | इन्होंने जेट एयरवेज को दोबारा शुरू करने के लिए एक याचिका डाली है, जिसमें उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को कंपनी को अंतरिम पूंजी उपलब्ध कराने का निर्देश जारी करने का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किया है | इस याचिका में एयरलाइन का पंजीकरण समाप्त न करने का भी अनुरोध किया गया है |

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यह याचिका गौरव अग्रवाल के द्वारा दायर की है, जो पेशे से वकील है | इस याचिका में बताया गया है कि जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने 25 मार्च को ऋण पुनर्गठन योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी थी इसके बाद 1,500 करोड़ रुपये की राशि एसबीआई को कम्पनी के एकाउंट में ट्रांसफर करनी थी | लेकिन बैंक द्वारा यह राशि नहीं भेजी गयी जिससे पूँजी की समस्या खड़ी हो गयी |

कंपनी के मूल्य में हो रहे लगातार गिरावट के कारण एसबीआई ने पूंजी देने से मना कर दिया है | याचिका में इसका दोषी केंद्र, डीजीसीए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को बताया गया है | याची का कहना कि यह सभी मिल कर कंपनी के मूल्य को बढ़ाने में असफल हुए है | केंद्र और डीजीसीए के द्वारा जेट एयरवेज के स्लॉट को अन्य कंपनियों को देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी जिससे कंपनी के बाजार मूल्य पर नकारात्मक असर पड़ा है |

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