लोकसभा चुनाव के लिए जल्द ही घोषणा हो सकती है, इसके लिए राजनीतिक दल प्रचार- प्रसार में लगे हुए है | उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पीएम नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की और वहीं से किसानों की माली हालत के लिए उन्होंने विपक्ष को जिम्मेदार माना है | प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना के लिए अपनी सरकार की तारीफ़ की है | पीएम द्वारा लगाए गए आरोपों के लिए उत्तर प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों के अध्यक्षों ने बीजेपी और पीएम पर पलटवार जवाब दिया है |
पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है, उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘किसान अन्नदाता जो सारे देश का पेट भरता है, आज सरकार की नीतियों की वजह से कर्ज और सूद में जकड़ा हुआ है। केंद्र में सरकार बनते ही पहला काम 100 फीसदी कर्ज माफ करेंगे। फिर ऐसी नीतियां लाएंगे, जिनसे किसान का विकास हो। अब स्वर्णिम क्रांति का समय है।’
सपा अध्यक्ष ने आगे अपने ट्वीट में लिखा है कि, किसानों पर संकट एक राष्ट्रीय संकट है और इसके लिए राष्ट्रीय समाधान की जरूरत है। कोई भी अकेले इसे नहीं बदल सकता है। हम हर जगह किसानों के साथ खड़े हैं। हम हर किसान के लिए ऐसी योजना लाएंगे, जिनसे उनका भला हो |
मायावती ने केंद्र सरकार वादाखिलाफी का आरोप लगाया
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘किसान सम्मान के नाम पर कुछ किसानों को मात्र 500 रुपये हर महीने देना खुला अपमान है। किसान सबसे बड़ा मेहनतकश समाज है। इनको मात्र थोड़ी सी सरकारी मदद देने की बीजेपी सरकार की सोच अनुचित और अहंकारी है। किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य चाहिए, जिसपर बीजेपी ने वादा खिलाफी की ‘ |
मायावती ने कहा कि पहले ही केंद्र सरकार नोटबंदी और जीएसटी लगाकर आम आदमी की कमर तोड़ चुकी है अब किसानों के लिए शुरू की गयी किसान सम्मान निधि योजना में प्रतिदिन मात्र 17 रुपये दिया जा रहा है, जो कि मोदी सरकार की छोटी सोच को दर्शाती है |