Ballia Lok Sabha Election- 2019
उत्तर प्रदेश के रास्ते केंद्र सरकार बनने में बलिया लोकसभा का अपना अहम योगदान रहा है | बलिया कई हस्तियों की जन्म भूमि और कर्म भूमि रही है | जिसमे कि मंगल पांडे, चित्तू पांडे, जय प्रकाश नारायण और हजारी प्रसाद द्विवेदी समेत कई विभूतियों के अलावा प्रधानमंत्री (चंद्रशेखर) भी बलिया के है| यह क्षेत्र पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की कर्मभूमि के नाम से जानी जाती है |
नोट:- बलिया लोकसभा में 19 मई 2019 को चुनाव निर्वाचन आयोग के द्वारा कराये जायेंगे |
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पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सीट के रूप में बलिया को जाना जाता है | 1977 में चंद्रशेखर बलिया से निर्वाचित होकर संसद पहुंचे थे | इसके बाद 1980 के चुनाव में भी जीत हासिल की थी | 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हो गयी थी जिसके बाद लोकसभा चुनाव में चंद्रशेखर जगन्नाथ चौधरी से चुनाव हार गए थे | इसके बाद चंद्रशेखर लगातार 6 बार चुनाव जीते और उन्होंने 4 बार जगन्नाथ चौधरी (1980, 1989, 1991 और 1996) को हराया था |
10 नवंबर, 1990 को चंद्रशेखर देश के नौंवे प्रधानमंत्री चुने गए | यह सरकार गठबंधन के आधार पर थी इसलिए यह सरकार केवल 7 महीने ही चल पायी 21 जून 1991 को यह सरकार गिर गई |
चंद्रशेखर यहाँ से 8 बार सांसद चुने गए थे जुलाई, 2007 में चंद्रशेखर का निधन हो गया था इसलिए इस सीट पर उपचुनाव कराये गए जिसमे चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने जीत हासिल की थी |
2009 के लोकसभा चुनाव में भी नीरज शेखर ने दोबारा जीत दर्ज की |
2014 में बीजेपी के भरत सिंह ने जीत दर्ज की |
2014 में बलिया में हुए लोकसभा चुनाव में 17,68,271 मतदाता थे | 2019 में यह संख्या अधिक हो गयी है | सपा-बसपा गठबंधन ने आधिकारिक रूप से बलिया की सीट सपा के खाते में डाल दी है |
भाजपा ने जिले के निवासी और भदोही से तीन बार सांसद रहे वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ को बलिया लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है | अन्य दलों ने अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है |
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