बलरामपुर लोकसभा सीट राजनैतिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है | लोकसभा चुनाव 2019 में सपा, बसपा और रालोद ने गठबंधन किया है, जिससे यह चुनाव त्रिकोणीय हो गया है | इस सीट पर मुख्य रूप से चुनाव भाजपा और गठबंधन के बीच में है | सभी दल वोट पाने के लिए जातीय रणनीति बना रहे है |
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बलरामपुर लोकसभा सीट पर छह बार भाजपा, पांच बार कांग्रेस और दो बार समाजवादी पार्टी ने कब्ज़ा किया है। इसके अतिरक्त इस सीट पर एक बार निर्दलीय प्रत्याशी ने भी जीत दर्ज की है | यह लोकसभा सीट 1952 में अस्तित्व आयी थी इसके बाद वर्ष 2009 में इस सीट को समाप्त कर दिया गया इसके स्थान पर श्रावस्ती नाम की नई लोकसभा सीट का गठन किया गया |
1952 | बैरिस्टर हैदर हुसैन रिजवी | कांग्रेस |
1957 | अटल बिहारी वाजपेयी | जनसंघ |
1962 | सुभद्रा जोशी | कांग्रेस |
1967 | अटल बिहारी वाजपेयी | जनसंघ |
1971 | चन्द्रभाल मणि तिवारी | कांग्रेस |
1977 | नानाजी देशमुख | जनसंघ |
1980 | चन्द्रभाल मणि तिवारी | कांग्रेस |
1984 | महंत दीपनारायण वन | कांग्रेस |
1989 | फैजउर रहमान मुन्नन खां | निर्दलीय |
1991 | सत्यदेव सिंह | भाजपा |
1996 | सत्यदेव सिंह | भाजपा |
1998 | रिजवान जहीर | सपा |
1999 | रिजवान जहीर | सपा |
2004 | बृजभूषण शरण सिंह | भाजपा |
2011 की जनगणना के अनुसार बलरामपुर जिले की आबादी 21,48,795 है, इसमे से लगभग 16 लाख मतदाता चुनाव में मतदान करेंगे | वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में यह संख्या अधिक होगी | इस पर मतदान छठे चरण में 12 मई को होगा |
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