अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद के कारण फैजाबाद पुरे भारत में चर्चित रहा है | राजनीतिक तौर पर यह सीट अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है | वर्तमान समय में इस सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है | इस बार सपा-बसपा गठबंधन के साथ मैदान पर उतरी है, इसलिए बीजेपी के लिए यह बड़ी समस्या बन सकते है |
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फैजाबाद लोकसभा सीट का गठन 1957 में किया गया था | अब तक इस पर 15 बार चुनाव हो चुके है | इस पर 7 बार कांग्रेस को जीत मिल चुकी है | बीजेपी को चार बार जीत मिल चुकी है | सपा,बसपा,सीपीआईएम, भारतीय लोकदल ने एक-एक बार जीत दर्ज की है |
1957 में इस सीट पर पहली बार आम चुनाव हुए राजा राम मिश्र ने यहाँ से जीत दर्ज की थी |
1971 तक यह सीट कांग्रेस के पास रही |
भारतीय लोकदल के अंतराम जयसवाल ने 1977 में कांग्रेस विजयी यात्रा को रोक दिया |
1980 और 1984 दोनों ही चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली |
1989 में यह सीट कम्युनिस्ट पार्टी के पास चली गयी |
1991 में बीजेपी के विनय कटियार ने पहली जीत दिलाई |
1996 में भी विनय कटियार ने दोबारा वापसी की |
1998 में यह सीट सपा के पास चली गयी |
1999 में एक बार फिर विनय कटियार चुनाव जीतने में सफल रहे |
2004 में यह सीट बसपा के पास चली गयी |
2009 में कांग्रेस ने निर्मल खत्री के सहारे वापसी की |
2014 में मोदी लहर में बीजेपी के लल्लू सिंह ने जीत दर्ज की |
फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में 84 प्रतिशत आबादी हिंदू और 14 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है | यहाँ पर 6 मई 2019 को निर्वाचन आयोग के द्वारा चुनाव कराये जायेंगे |
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