पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध बड़ा कदम उठाते हुए वहां तीन नदियों के अपने हिस्से का पानी रोकने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है, कि वह भारत से होकर पाकिस्तान जाने वाली रावी, सतलुज और व्यास नदी के अपने हिस्से के पानी को पाकिस्तान नहीं जाने दिया जायेगा । इसके लिए बांध बनाने सहित अन्य परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी गई है।
इस सम्बन्ध में गड़करी जी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने निर्णय लिया है, कि हम पाकिस्तान को दिए जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकेंगे। इस पानी को पूर्वी नदियों और सप्लाई के माध्यम से जम्मू-कश्मीर और पंजाब के लोगों के लिए भेजा जाएगा, जबकि रावी नदी पर शाहपुर- कांडी डैम का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। सभी परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है।’ इन तीनों नदियों पर बने प्रॉजेक्ट्स की मदद से पाक को दिए जा रहे पानी को अब पंजाब और जम्मू-कश्मीर की नदियों में प्रवाहित किया जाएगा।
19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी। भारत की ओर से प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस पर हस्ताक्षर किए थे। विश्व बैंक के हस्तक्षेप से दोनों देशों के बीच यह संधि हुई थी। इसके अंतर्गत सिंधु नदी घाटी की 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी दो हिस्सों में बांटा गया। इसके मुताबिक, रावी, ब्यास और सतलुज पर पूरी तरह से भारत और झेलम, चिनाब और सिंधु पर पाकिस्तान का हक है।