तीन तलाक बिल: आज 25 जुलाई को लोकसभा में केंद्र सरकार विवादास्पद ‘तीन तलाक’ विधेयक पर चर्चा के बाद उसे पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध कर दिया है| वहीं बुधवार 24 जुलाई को आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है| विधेयक में एक साथ, अचानक तीन तलाक दिए जाने को अपराध करार दिया गया है और साथ ही दोषी को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान लागू कर दिया है| नरेन्द्र मोदी सरकार ने मई में अपना दूसरा कार्यभार संभालने के बाद संसद के इस पहले सत्र में सबसे पहले इस विधेयक का मसौदा पेश किया था |
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वहीं काफी विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध भी किया है, लेकिन सरकार का यह कहना है, कि यह विधेयकलैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है| वहीं कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक मांग कर रही हैं, कि इसे जांच पड़ताल के लिए संसदीय समिति को सौंप दिया जाए क्योंकि, भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार को निचले सदन में पूर्ण बहुमत हासिल हैं इसलिए वह इसे आसानी के साथ पारित करा सकते हैं|
बिल का प्रावधान:-
1.बिल के प्रवधान में तुरंत तीन तलाक मतलब कि तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी बना दिया जाता है|
2.तुरंत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानते हुए पुलिस अधिकारी बिना वारंट के दोषी को अपनी हिरासत में ले सकता है|
3.फिर आरोप को इसके तीन साल की सजा दी जाती है |
4.इसमें दोषी आरोपी को केवल मजिस्ट्रेट द्वारा ही जमानत मिल सकती है |
5.वहीं पीड़ित महिल मजिस्ट्रेट की इजाजत पर अपने नाबालिग बच्चों को अपने पास रख सकती है|
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