चैत्र नवरात्र उपासना का पर्व 13 अप्रैल, मंगलवार से आरम्भ होगा। पिछले साल लॉकडाउन के वजह से देवी मंदिरों में सन्नाटा छाया रहा लेकिन इस बार देवी मां के भक्त श्रद्धा, उल्लास के साथ दर्शन-पूजन करेंगे। नवरात्र के समय सिद्धपीठ अलोपशंकरी देवी, कल्याणी देवी, ललिता देवी समेत और अन्य शहर के सभी देवी मंदिरों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन-अर्चन किया जाएगा। इस बार 22 अप्रैल को नवरात्र का समापन रहेगा।
ग्रहीय योग से बढ़ेगा नवरात्र की शुभता: ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार प्रतिपदा तिथि 12 अप्रैल, सोमवार को शाम 6:58 बजे आरम्भ होगी, जो मंगलवार सुबह 8:46 बजे तक रहेगी। जिसके कारण से प्रतिपदा का मान उदया तिथि में 13 अप्रैल को होगा। इस दिन सूर्य की मेष राशि में संक्रांति रहेगी। जिससे सूर्य अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेंगे। और साथ ही भौमाष्टमी और सर्वार्थ अमृतसिद्धि योग नवरात्र के महात्म्य में बढ़ेगा। उसी दिन से नव वर्ष की शुरुआत होती है।
क्षय किसी तिथि का नहीं
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वाष्र्णेय के मुताबिक इस साल चैत्र नवरात्र में किसी तिथि का क्षय नहीं है। 13 अप्रैल को आश्विन नक्षत्र और चंद्रमा मेष राशि में होगा। इससे नवरात्र की शुभता बढ़ जाएगी।
नवरात्र का शुभ मूहूर्त और स्थापना कब
13 अप्रैल : सूर्योदय 5:43 से सुबह 8:46 बजे तक
-अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12: 24 बजे तक