इंद्राणी मुखर्जी का सरकारी गवाह बनने से बढ़ी चिदंबरम की मुश्किलें, जानिए क्या है पूरा मामला

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मीडिया ने जानकारी देते हुए बताया है कि, पीटर मुखर्जी के पत्नी इंद्राणी मुखर्जी के बयान के आधार पर ही पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है| वहीं इंद्राणी मुखर्जी ने अपने बयाने में कहा था कि, एफआईपीबी मंजूरी में हुए उल्लंघन को कथित तौर पर रफा-दफा करने के लिये 10 लाख डॉलर की कार्ति की मांग को दंपति ने कबूल कर ली थी| इंद्राणी 11 जुलाई को सीबीआई मामले में सरकारी गवाह बन गई थी| उनका सरकारी गवाह बन जाना ही चिदंबरम को काफी भारी पड़ा है| 

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जानकारी देते हुए बता दें कि, पीटर मुखर्जी और इंद्राणी का नाम आईएनएक्स मीडिया द्वारा प्राप्त धन के लिये 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की अवैध तरीके से मंजूरी प्राप्त करने से संबंधित मामले में सामने  आ गया था|

इंद्राणी आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड की पूर्व निदेशक के तौर पर स्थगित हैं| मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी दोनों को शीना बोरा हत्याकांड मामले में गिरफ़्तार कर लिया गया था और इन वो दोनों लोग इन दिनों जेल में बंद हैं| इंद्राणी और उनके पहले पति की बेटी का नाम शीना बोरा था| वहीं मंगलवार 20 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने  पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था| अब बुधवार 21 अगस्त की शाम को सीबीआई ने चिदंबरम को उनके घर से  ही गिरफ़्तार किया है | 

सूत्रों ने मीडिया को बताया कि, इंद्राणी मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंजूरी के बदले में कार्ति चिदंबरम की उसके कारोबार में मदद करने के लिए कहा था|’

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