यदि आपको उपभोक्ता फोरम के बारें में किसी प्रकार कोई जानकारी नहीं हैं, तो बता दें कि उपभोक्ता फोरम विक्रेता और सप्लायर के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने का बेहतरीन रास्ता है| इन्हें कंज्यूमर कोर्ट के नाम से भी जाना जाता है| उपभोक्ता फोरम एक सरकारी संस्था है, जिसमें अधिनियम के अंतर्गत जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ग्राहक की समस्याओं का हल निकालते हुए दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है|
यह उपभोक्ता सुरक्षा अधिकार कानून, 1986 के अंतर्गत उपभोक्ता के अधिकारों की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है, यह फोरम, मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एण्ड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के अंतर्गत आता है, उपभोक्ता शब्द का अर्थ व्यापक होता है, इसके अंतर्गत वस्तुएं और सेवाएं दोनों ही आती हैं, चाहे वह किराये पर ली गई हों, या फिर कैश में, यह कानून सभी पर लागू किया जाता है, इसमें चल-अचल संपत्ति या कोई भी वस्तु शामिल हैं |
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ये लोग उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं
1.पीड़ित कंस्यूमर
2.कोई फर्म, रजिस्टर्ड हो या न हो
3.कोई भी व्यक्ति, चाहे वह दूसरे पीड़ित के लिए ही क्यों न शिकायत दर्ज कर रहा हो
4.संयुक्त हिंदू परिवार
5.को-ऑपरेटिव सोसाइटी या लोगों का कोई भी समूह
6.राज्य या केंद्र सरकारे
7.कंस्यूमर की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उसके कानूनी वारिस
यहाँ कर सकते है शिकायत
1.डिस्ट्रिक कंज्यूमर फोरम
यदि आपका 20 लाख की राशि का मामला है तो इस विवाद की शिकायत को आप डिस्ट्रिक कंज्यूमर फोरम में कर सकते हैं|
2.स्टेट कंज्यूमर फोरम
यदि शिकायत का मामला 20 लाख से 1 करोड़ की राशि का है, तो इसके लिए आप स्टेट कंज्यूमर फोरम के पास शिकायत दर्ज कर सकते है।
3.नैशनल कंज्यूमर फोरम
अगर आपका शिकायत का मामला 1 करोड़ की रकम से भी ज्यादा है, तो इसकी शिकायत आप नैशनल कंस्यूमर फोरम में दर्ज कर सकते है, इन उपभोक्ता फोरम में सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक शिकायत दर्ज की जा सकती हैं|
शिकायत करने पर इतना देना रहेगा शुल्क
एक लाख रुपये पर | 100 रुपये |
10 लाख रुपये पर | 400 रुपये |
50 लाख रुपये पर | 2000 रुपये |
एक लाख रुपये पर | 100 रुपये |
10 लाख रुपये पर | 400 रुपये |
इस तरह से कर सकते हैं शिकायत
शिकायत उपभोक्ता A4 साइज का एक सादा कागज लेकर उस पर अपनी शिकायत पूरे विवरण के साथ लिखने के बाद उपभोक्ता कोइसके साथ में ही शिकायत का समर्थन करने वाली कैश मेमो, रसीद, अग्रीमेंट्स इस तरह के डाक्यूमेंट्स देना होता हैं, सहत ही शिकायत की 3 कॉपी देनी होती हैं, इनमें एक कॉपी ऑफिस के लिए और एक विरोधी पार्टी के लिए रहती है, वकील के जरिये भी व्यक्ति शिकायत कर सकते और स्वयं भी, इसकी फीस शिकायत के साथ पोस्टल ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम जमा करनी पड़ती है |
टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर द्वारा शिकायत
उपभोक्ता फोरम के शिकायत केन्द्र 1800114000 में सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक शिकायत दर्ज करा सकते है| इसके अलावा टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 18001800300, मैखिक शिकायत, 8130009809 नम्बर पर एसएमएस व core.nic.in पर आनलाइन भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं| इसके बाद फोरम तुरंत ही मामले की सुनवाई जारी कर देगा, और वह ग्राहक को 90 दिन में न्याय दिलानें की प्रक्रिया भी शुरू कर देगा|
ऑनलाइन माध्यम से करें शिकायत
1.यदिकोई उपभोक्ता विक्रेता के विरुद्ध ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाना चाहता है, तो वह नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन की वेबसाइट https://consumerhelpline.gov.in/hi/ पर जाकर लॉगऑन करें और वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर ऊपर शिकायत रजिस्ट्रेशन टैब पर क्लिक कर दें, तुरंत ही अगले स्क्रीन पर दो विकल्प आ जायेंगे|
(i) शिकायत रजिस्टर करे
(ii) शिकायत की जानकारी देखे
2.यदि आप नयी शिकायत के लिए रजिस्टर करना चाहते है, तो आप आप्शन 1 पर क्लिक करे, और अगर उसने पहले ही वेबसाइट पर शिकायत दर्ज लकर दी है, तो आप्शन 2 पर क्लिक करे
3.शिकायत करनें के लिये आवेदक को फोरम/ कोर्ट मे फीस देनी रहती है|
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