गुरुवार को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक अकाउंट पर 3200 शब्दों का एक ब्लॉग पोस्ट किया है | इस ब्लॉग में उन्होंने फेसबुक को व्हाट्सएप की ही तरह सुरक्षित करने की बात की है | उन्होंने कहा कि जल्द ही फेसबुक में मैसेज एनक्रिप्शन सर्विस शुरू की जाएगी | एनक्रिप्शन सर्विस से फेसबुक को भी व्हाट्सएप की तरह प्राइवेसी फोकस्ड बनाया जा सकता है |
यूजर्स की प्राइवेसी पर फोकस
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि हमारा लक्ष्य यूजर्स की निजता की सुरक्षा करना है | फेसबुक के सभी यूजर्स निजी और एनक्रिप्टेड सर्विस चाहते हैं, इसलिए फेसबुक को भी व्हाट्सएप की तरह डेवलप किया जाएगा | व्हाट्सएप में पहले से एंड टू एंड एनक्रिप्शन है, जिसके कारण व्हाट्सएप पर लोगों का भरोसा अधिक है | अपने ब्लॉग के माध्यम से मार्क ने बताया फेसबुक भी मोबाइल मैसेजिंग एप व्हाट्सएप की तरह हो जाएगा, जो एंड टू एंड एन्क्रिप्शन की वजह से ज्यादा सुरक्षित होगा |
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फेसबुक पर कई सुविधाओं को जोड़ा जायेगा
मार्क जुकरबर्ग ने ब्लॉग के माध्यम से कहा कि ‘हम फेसबुक को भी उसी तरह बिल्ट करने की प्लानिंग कर रहे हैं, जिस तरह हमने व्हाट्सएप को किया है। हमारा उद्देश्य सबसे बेसिक सुविधा मैसेजिंग को बेहतर बनाना है। हम इसे ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित बनाना चाहते हैं। फेसबुक में लोगों से जुड़ने के लिए अन्य तरीकों को भी जोड़ा जाएगा। इसमें कॉल्स, वीडियो चैट, ग्रुप, स्टोरीज, बिजनेस, पेंमेंट, कॉमर्स आदि जोड़कर हम इसे एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाएंगे, जिसमें कई सारी निजी सुविधाएं होंगी।’
जिस देश में एन्क्रिप्शन की स्वीकृति न मिली वहां बैन होना होगा मंजूर
मार्क जुकरबर्ग ने यूजर्स की प्राइवेसी के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न करने का अहम् निर्णय लिया है, चाहे फेसबुक के बिजनेस पर कोई भी फर्क पड़े | जुकरबर्ग ने कहा है कि जिन देशों में फेसबुक को एनक्रिप्शन की अनुमति नहीं मिलेगी। फेसबुक वहां बैन होना ही बेहतर समझेगा | जुकरबर्ग ने आगे लिखा है कि “मेरा मानना है कि कम्युनिकेशन लगातार प्राइवेट और एनक्रिप्टेड सेवाओं की ओर जा रहा है। जहां लोग भरोसा कर सकते हैं कि उनकी बातचीत और जानकारी सुरक्षित है। भविष्य में यही सबसे महत्वपूर्ण होगा, और मैं इसे लाने में मदद की उम्मीद कर रहा हूँ” |
भारत में एंड टू एंड एन्क्रिप्शन
भारत में व्हाट्सएप ने यूजर्स की प्राइवेसी के लिए एन्क्रिप्शन की सुविधा दी हुई है, जिससे फेक न्यूज और अफवाह बड़ी समस्या में फैलाई जा सकती है | भारत सरकार चाहती है कि व्हाट्सएप फेक न्यूज या अफवाह फैलाने वालों का पता करे, लेकिन व्हाट्सएप में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन की वजह से यह पता कर पाना असंभव है |
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