उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के आयकर भरने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार दशक पुरानी व्यवस्था को खत्म करते हुए आदेश दिया है, कि भविष्य में किसी भी कैबिनेट मंत्री या मुख्यमंत्री का आयकर रिटर्न सरकारी खजाने से नहीं भरा जाएगा, मुख्यमंत्री या मंत्री अब अपना आयकर स्वयं भरेंगे| बता दें, अभी तक सरकार मंत्रियों का आयकर रिटर्न सरकारी खजाने से दिया जा रहा था|
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते और विविध कानून 1981” के अन्तर्गत सभी मंत्रियों के इनकम टैक्स बिल का भुगतान अभी तक राज्य सरकार के कोष से किया जाता रहा है| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है, कि अब सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे| उन्होंने बताया कि सरकारी खजाने से अब मंत्रियों के इनकम टैक्स बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा| खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है, कि एक्ट के इस प्रावधान को समाप्त किया जायेगा|
उत्तर प्रदेश में लगभग चार दशक पुराना एक कानून मंत्रियों के आयकर का भुगतान राजकोष से सुनिश्चित करता था, हालांकि नेता इसके बारे में जानकारी नहीं होने की बात करते हैं| ”उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते और विविध कानून 1981” तब बना था, उस समय विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे|
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