हनुमान चालीसा पाठ करने से होता है बल, बुद्धि, विद्या का होता है विकास

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दुनिया में आजकल हर कोई चाहता हैं कि वह अपने जीवन में बहुत तरक्की करें और ऐसा करने के लिए उसके पास बल, बुद्धि और विद्या होना बहुत ही ज़रूरी होता है | बता दें कि हनुमान जी ने श्रीराम को वचन देते हुए कहा था कि वह पृथ्वी पर अदृश्य रूप में रहकर राम नाम का स्मरण करेंगे और उन्हें महाप्रलय तक पूजते रहेंगे। इसीलिए अभी तक माना जाता है कि आज भी हनुमानजी हमारे बीच में मौजूद हैं। जिनके जीवन में शांति नहीं रहती है उन लोगों को प्रतिदिन हनुमान चालीसा के पाठ पढ़ने चाहिए क्योंकि हनुमान चालीसा के पाठ पढ़ने से जीवन में शांति आती है।

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तुलसीदास ने हनुमान चालीसा को अवधी भाषा में लिखा। एक कथा में लिखा गया है कि जब तुलसीदास ने रामचरितमानस के पाठ का समापन किया था तब वहां मौजूद सभी भक्त चले गए, लेकिन एक वृद्ध व्यक्ति वहीं बैठा रहा क्योंकि वह व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि स्वयं हनुमान जी ही थे | तभी कहा जाता है कि हनुमान जी ने ही सबसे पहले हनुमान चालीसा को सुना था। पूरी हनुमान चालीसा में 40 चौपाई हैं और इसमें चालीसा शब्द इन्हीं 40 अंकों से मिला है।

बता दें कि तुलसीदास ने हनुमान जी की कृपा के बारे में अंतिम चौपाई में वर्णन करते हुए लिखा है कि अगर बुरी शक्तियां परेशान करती हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से इससे मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा कहीं भी जाने से पहले हनुमान चालीसा के पाठ पढ़ने से यात्रा बहुत ही सफल रहती हैं | हनुमान जी बुद्धि और बल के ईश्वर कहलाते हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने से बल और बुद्धि का विकास होता है |

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