भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी सहित इन्हें मिला अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार

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He received the Nobel Prize for Economics including Abhijeet Banerjee of Indian origin

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अर्थशास्त्र के क्षेत्र में 2019 का नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को मिला है। उन्हें यह  पुरस्कार वैश्विक गरीबी से लड़ाई के लिए दिया गया है । रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सोमवार को इसकी घोषणा की।  बता दें कि, एस्थर डुफलो अभिजीत की पत्नी हैं। अभिजीत विनायक बनर्जी 1961 में जन्मे एक भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। वर्तमान में वह एमआईटी में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।

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इस पुरस्कार को आधिकारिक तौर पर ‘बैंक ऑफ स्वीडन प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ अल्फ्रेड नोबेल’ के रूप में जाना जाता है, यह पुरस्कार संस्थापक द्वारा नहीं बनाया गया था, लेकिन इसे नोबेल का हिस्सा माना जाता है। एक बयान में नोबेल समिति ने कहा, ‘इस साल के पुरस्कार विजेताओं द्वारा किए गए शोध से वैश्विक गरीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में काफी सुधार हुआ है। केवल दो दशकों में, उनके नए प्रयोग-आधारित दृष्टिकोण ने विकास अर्थशास्त्र को बदल दिया है, जो अब अनुसंधान का एक समृद्ध क्षेत्र है।’

अभिजीत बनर्जी नें वर्ष 2003 में डफ्लो और सेंथिल मुलैनाथन के साथ, अब्दुल लतीफ जमील गरीबी एक्शन लैब (J-PAL) की स्थापना की, और वह लैब के निदेशकों में से एक रहे, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद 2015 विकास एजेंडा पर प्रख्यात व्यक्तियों के उच्च-स्तरीय पैनल में भी कार्य किया।

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