आज बुधवार 25 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी| इस एकादशी में अधिकतर लोग उपवास रखते हैं| वैसे तो यह एकादशी माह में दो बार पड़ती है- शुक्ल एकादशी और कृष्ण एकादशी इन एकादशी में भगवान विष्णु या उनके अवतारों की पूजा होती है| आश्विन मास में एकादशी उपवास का विशेष महत्व माना जाता है| इस व्रत को करने से मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं| इसके साथ ही जो लोग आश्विन मास की इंदिरा एकादशी का व्रत करते हैं उन लोगों को गंभीर रोगों से छुटकारा मिलता है| इसके अलावा यह व्रत पाप नाश और पितरों की शांति के लिए महत्वपूर्ण होता है|
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इस प्रकार करे पूजा उपासना
1.व्रत वाले दिन प्रातः उठकर स्नान करने के बाद पहले सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए| इसके बाद भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरुप की आराधना की जाती है|
2.पूजा के दौरान उनको पीले फूल, पंचामृत, तुलसी दल, फल भी अर्पित करना चाहिए|
3.इसके बाद भगवान का ध्यान किया जाता है और साथ ही उनके मन्त्रों का जप भी करना चाहिए|
4.इस दिन फलाहार का दान किया जाता है, और गाय को भी फल आदि खिलाना चाहिए|
5.इसके अगले दिन प्रातः निर्धन लोगों को भोजन कराया जाता है, साथ ही वस्त्र आदि का दान किया जाता है|
6.फिर स्वयं भोजन करके व्रत का समापन किया जाता है|
7.इस दिन मन को ईश्वर में लगायें, क्रोध न करें, असत्य न बोलें|
पितरों के लिए इस दिन का महत्व
1.पितृ पक्ष की एकादशी के दिन महाप्रयोग करके पितरों को मुक्ति दिलाई जाती है|
2.एकादशी के दिन उरद की दाल, उरद के बड़े और पूरियां आदि बनाये जाते है| इस दिन चावल का प्रयोग न करें|
3.इस दिन एक कंडा जलाकर उस पर एक पूरी में रखकर उरद की दाल और उरद के बड़े की आहुति दी जाती है|
4.पास मैं एक जल से भरा पात्र भी रखा जाता है|
5.फिर भगवद्गीता का पाठ किया जाता है|
पितरों की आत्मा शांति के लिए
1.पितरों को शान्ति देने के लिए भगवान को फल और तुलसी दल अर्पित किया जाता है|
2.इसके बाद भगवान के समक्ष भगवदगीता का पाठ होता है|
3.इस दिन निर्धनों को फल का दान किया जाता है|
4.इस दिन एक तुलसी का पौधा जरूर लगाना चाहिए|
5.किसी सार्वजनिक स्थान पर पीपल का पौधा भी लगाया जाता है|
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