उन्नाव कांड में आयी प्रारंभिक फरेंसिक जांच रिपोर्ट, ऐक्सिडेंट या साजिश – यहाँ देखें Report की जानकारी

उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता की दुर्घटना मामले में भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 10 लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। राज्य सरकार की संस्तुति पर केंद्र ने 24 घंटे के अन्दर ही सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी कर दी थी| उन्नाव रेप पीड़िता के दुर्घटना मामले में हादसा या साजिश को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इस घटना को शुरू से ही उत्तर प्रदेश पुलिस हादसा बता रही है, और अब फरेंसिक जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी आ गयी है, जिसमे इस घटना को हादसा ही बताया गया है।

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फरेंसिक जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है, कि जिस कार में रेप पीड़िता, उसकी चाची, मौसी और वकील थे, उसकी रफ्तार काफी तेज थी और ट्रक भी लगभग 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। चूँकि बारिश काफी तेज हो रही थी, जिसमें यह संभव है, कि बारिश में ट्रक का पहिया फिसला हो और कार से उसकी टक्कर हो गई हो। फरेंसिक टीम की रिपोर्ट में लिखा है, कि ऐक्सिडेंट एक हादसा हो सकता है।

प्रथम दृष्टया में बताया गया हादसा 

सोमवार को फरेंसिक साइंस लैबरेटरी की लखनऊ और रायबरेली इकाइयों के विशेषज्ञों ने क्राइम साइट का निरीक्षण किया। इसके अलावा विशेषज्ञों ने दुर्घटनाग्रस्त कार और ट्रक की भी जांच की। इस टीम के एक सदस्य ने बताया, कि प्रथम दृष्टया यह एक हादसा ही लग रहा है। विशेषज्ञ ने कहा, ’12 पहिये वाला ट्रक 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। जब कार ट्रक के पास आई, तो ट्रक ड्राइवर उसे संभाल नहीं पाया होगा और ट्रक कार से भिड़ गया होगा।

अंधे मोड़ पर हुआ ऐक्सिडेंट  

विशेषज्ञ ने जाँच के दौरान बताया कि, जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई है, वहां पर एक अंधा मोड़ है| इस अंधे मोड़ पर किसी भी प्रकार का न ही कोई साइन बोर्ड लगा है, न ही कोई स्पीड ब्रेकर है और कोई चेतावनी भी नहीं लिखी थी| अंधे मोड़ की वजह से कार और ट्रक के ड्राइवर एक-दूसरे को नहीं देख पाए और जब तक ड्राइवर कार संभालते गाड़ियां आपस में भिड़ गईं।

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घटनास्थल पर मिले पहियों के फिसलने के निशान

विशेषज्ञों ने बताया, कि जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है, उस स्थान पर पहियों के फिसलने के निशान मिले हैं। निशान को देखकर यह स्पस्ट है कि ट्रक भी काफी तेज रफ्तार में चल रहा था। आईजी (लखनऊ रेंज) एस के भगत ने बताया, कि अभी कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी और उन्होंने इस फरेंसिक रिपोर्ट पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

एसआईटी और सीबीआई करेगी इस घटना की जांच

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT का गठन किया है। इस टीम में तीन डिप्टी एसपी को शामिल किया गया है, और अब सरकार ने सीबीआई जांच की भी मंजूरी दे दी है। अब इस मामले की जाँच यूपी की एसआईटी और सीबीआई करेगी।

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