भारत के ऐतिहासिक चंद्र मिशन चंद्रयान 2 के लेकर एक बड़ी सफलता हासिल हुई है| इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के हाई रिजोल्यूशन कैमरे से चांद की खींची तस्वीरें जारी की है। इस हाई रिजोल्यूशन कैमरे ने चंद्रमा के सतह की तस्वीर भेजी है। इस तस्वीर में चंद्रमा के सतह पर बड़े और छोटे गड्ढे नजर आ रहे हैं।
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इसरो ने कहा, आर्बिटर में मौजूद आठ पेलोड ने चांद की सतह पर मौजूद तत्वों को लेकर कई सूचनाएं भेजी हैं। आर्बिटर चांद की सतह पर मौजूद आवेशित कणों का पता लगा रहा है। ऑर्बिटर के पेलोड क्लास ने अपनी जांच में चांद की मिट्टी में मौजूद कणों के बारे में पता लगाया है। यह तब संभव हुआ है, जब सूरज की तेज रोशनी में मौजूद एक्स किरणों की वजह से चांद की सतह चमक उठी।
चांद की अंधेरी सतह पर बेसुध पड़े चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को लेकर फिर उम्मीद जगी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अपने सौर पैनलों की मदद से विक्रम फिर काम शुरू कर सकता है। दरअसल, चांद पर शनिवार से दिन की शुरुआत हो रही है। ऐसे में विक्रम को लेकर कोई अच्छी खबर आने की उम्मीद बढ़ गई है।
इसरो के मुताबिक, ऑर्बिटर का पेलोड अपने तय मकसद के लिए बेहतर तरीके से काम कर रहा है। वहीं, विक्रम की तलाश और उससे संपर्क करने की कोशिशों में जुटी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि अब तक विक्रम से कोई आंकड़ा नहीं मिला है। खगोलविद् स्कॉट टायली ने ट्वीट कर विक्रम से संपर्क की प्रबल संभावना जताई है।
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