शुक्रवार 2 अगस्त की शाम को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मंडल के साथ मुलाकात की, मुलाकत करने के दौरान उन्होंने उन्हें शांत रहने व अफवाहों पर ध्यान न देने की नसीहत देते हुए कहा कि, अमरनाथ यात्रा को बीच में रोकने को अन्य मुद्दों के साथ जोड़कर ‘बेवजह का डर’ पैदा किया जा रहा है|
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इसके अलावा पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन और इमरान रजा अंसारी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाक़ात करके बातचीत की| वहीं राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया है कि, प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जारी किए परामर्श समेत दिन में हुए घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में डर की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताई|
सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है| राज्यपाल मलिक ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के संबंध में गंभीर और विश्वसनीय सूचनाएं हैं| इस संदर्भ में सरकार ने परामर्श जारी कर यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है|
मलिक ने कहा कि, इस कदम को अन्य सभी तरह के मुद्दों से जोड़कर ‘बेवजह का डर’ पैदा किया जा रहा है| इसी के साथ कहा, कि साफ तौर से सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदमों को अन्य मुद्दों से जोड़ा जा रहा है, जिसका इससे कोई भी संबंध नहीं है| यही डर की वजह है| राज्यपाल ने बारामूला में कल और उससे एक दिन पहले श्रीनगर में अनुच्छेद 35ए पर मामलों पर खुद सफाई दी थी| मलिक ने बारामूला और श्रीनगर में कहा था कि, जम्मू कश्मीर को विशेष शक्तियां देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35ए को रद्द करने की कोई योजना नहीं है|’
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