बजट 2019: केंद्र सरकार की आय और व्यय को ऐसे समझे

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वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को मोदी सरकार के अंतरिम बजट 2019-20 को संसद में पेश किया। बता दें कि बजट के आंकड़े काफी बड़े होते हैं। बजट में की गई बातें अरबों, करोड़ों और लाखों मे रहती है। ऐसे में इसे समझना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि, सरकार की धनराशि कहां से कितनी प्राप्त होती है और यह कहां खर्च की जाती है | इसलिए आप केंद्र सरकार की आय और व्यय को ऐसे समझ लें |

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ख़ासतौर पर सरकारी बजट में कमाई और खर्च का हिसाब-किताब किया जाता है। इसका हिसाब-किताब करने के लिए इसे दो हिस्सों – रेवेन्यू (आमदनी) और कैपिटल (पूंजी) में बाँट दिया जाता है। इसी तरह खर्च को भी दो हिस्सों प्लान (योजना) और नॉन-प्लान (गैरयोजना) में बांट कर दिया जाता है। 

पीआईबी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अगर सरकार की आमदनी 1 रुपये है तो इस आमदनी में सर्वाधिक   21-21 पैसों का योगदान निगम कर और जीएसटी का होगा और वहीं अगर खर्च की बात आती है तो सर्वाधिक 23 पैसे करों और शुल्कों में राज्यों को देना होता है |

बता दें कि सरकार की आमदनी, आयकर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, निगम कर, सीमा शुल्क, जीएसटी, ऋण-भिन्न पूंजी प्राप्तियां और उधार इत्यादि मदों से होती है इसके अतरिक्त खर्च केंद्रीय योजनाओं, रक्षा, आर्थिक सहायता, पेंशन, वित्त आयोग और अन्य अंतरण, राज्यों को हिस्सा आदि मदों से प्राप्त होती है। 

2019-20 के बजट के अनुसार,  सरकार वर्ष 2020 में लगभग 27,84,200 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है क्योंकि, रक्षा पर सरकार ने बजट में बढ़ोत्तरी करके 3 लाख 5 हजार करोड़ रुपये कर दिया है इसलिए सब्सिडी पर 2,96,684 करोड़ रुपये खर्च हो जायेंगे | इसके अतिरिक्त शिक्षा के लिए भी 93,848 करोड़ रुपये का आंवटन हुआ है |

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