लोकसभा चुनाव 2019: अभी तक विज्ञापन पर किये जाने वाले खर्च पर किसी प्रकार का नियम नहीं बनाया गया था, वहीं अब इसके लिए भी नया नियम बना दिया गया है| इससे पहले चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में अखबार, टीवी और रेडियो में तीन बार प्रचार करने के आदेश दिए थे, वहीं अब निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों को निर्देश देते हुए कहा है कि, वे इस मद में किए गए खर्च को चुनाव खर्च के स्टेटमेंट में भी दर्शाएंगे।
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अभी कुछ समय पहले ही आयोग ने दिशानिर्देश में कहा कि, इसके लिए चुनाव खर्च दर्शाने का नया फार्मेट जारी कर दिया गया है। इसमें उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी प्रकाशित करने में किए गए खर्च के लिए एक कालम बनाया गया है। सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजे गए निर्देश में निर्वाचन आयोग ने कहा कि, आरपी एक्ट, 1951 की धारा 78 के तहत सभी दलों को चुनाव खर्च का अनुमानित हिसाब नतीजे आने के दिन से 30 दिनों में देना अनिवार्य है।’
इसी के साथ कहा कि,”राजनैतिक दलों के लिए यह भी अनिवार्य है, कि वे 75 दिनों में विधानसभा चुनाव में किए गए खर्च तथा 90 दिनों में दे दें। इसके लिए नए फार्मेट जारी कर दिए गए हैं, और अब राजनैतिक दल इसमें आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रचार में किए गए खर्च को भी शामिल करेंगे।”
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