मंत्रिमंडल के गठन के बाद नीतीश कुमार ने कहा – हमें सरकार में ‘प्रतीकात्मक’ भागीदारी नहीं चाहिए

अभी भी कुछ ऐसे नेता हैं, जो लोकसभा चुनाव को लेकर अभी भी नाराजगी व्यक्त कर रहें हैं| मंत्रिमंडल के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) नेता नीतीश कुमार ने मोदी सरकार में शामिल न होने को लेकर बातों ही बातों में नाराजगी व्यक्त की है। नीतीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, जब मुझे बताया गया कि एक सीट जेडीयू को दी जाएगी, मैंने कहा था कि हमें इसकी आवश्यकता नहीं है, लेकिन मैं अपनी पार्टी के लोगों से पूछूंगा।

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इसी के साथ कहा कि, मैंने सभी से पूछा, उन सभी ने कहा, यह उचित नहीं है कि हम सरकार में शामिल होकर अपनी भागीदारी दिखाएं। हम साथ हैं पर दुखी नहीं। सांकेतिक भागीदारी की कोई आवश्यकता नहीं है।”

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि, सीट के हिसाब से उस समय सहयोगी दलों के बीच मंत्री पद मिला था। गठबंधन सरकार में ऐसा ही होता है। नीतीश ने कहा, कि उनके समय तो मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले ही मंत्रालय पर चर्चा कर ली जाती थी। उचित अनुपात में सभी पार्टियों को प्रतिनिधत्व मिलना चाहिए।

इसके बाद आगे कहा, मैंने अखबारों में पढ़ा कि हमने मोदी सरकार में तीन मंत्रालय की मांग की है। ये गलत जानकारी है। हमने किसी भी मंत्रालय की मांग नहीं की थी।  कटाक्ष के साथ नीतीश ने कहा कि हम ऐसे ही सरकार के साथ हैं।

बिहार के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, हम पूरी तरह से एनडीए में हैं और परेशान नहीं हैं। हम एक साथ काम कर रहे हैं, कोई भ्रम नहीं है।”

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