प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने अफसरों और मंत्रियों से अच्छी तरह से कार्य कराना आता है| इसी गुण की वजह से वह जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाए है, जिससे वह मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक का सफर तय कर पाए है| प्रधानमंत्री बनने के बाद इसी गुण के कारण जनता ने उन्हें दोबारा पूर्ण बहुमत दिया है| वह हमेशा से अधिकारियों को प्राथमिकता देते है| मोदी टीम 2 में कुछ ऐसे ही अधिकारी है, जो प्रधान मंत्री की उम्मीदों पर खरे उतरे है|
ये भी पढ़ें: आखिर क्यों बनाया गया मोदी सरकार में अमित शाह को गृह मंत्री – पढ़े पूरी स्टोरी
नृपेंद्र मिश्र
प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी कैडर के 1967 बैच के आईएएस ऑफिसर नृपेंद्र मिश्र पर भरोसा किया है| यह पीएमओ के सबसे बड़े अधिकारी है| इन्हें कैबिनेट मंत्री की रैंक दी गयी है| यह मोदी की पसंदीदा स्कीमों की निगरानी करते हैं| वह पीएमओ से मंत्रालयों और राज्य सरकार के बीच तालमेल की अहम कड़ी हैं|
पीके मिश्र
प्रधानमंत्री मोदी गुजरात कैडर के 1972 बैच के आईएएस अधिकारी पीके मिश्र के कार्यों को बहुत ही पसंद करते है | इन्हें भी कैबिनेट मंत्री की रैंक दी गयी है| यह मोदी 1 और मोदी 2 टीम में अतिरिक्त प्रधान सचिव बनाया गया है| इनके द्वारा दी गयी नीतिगत मुद्दों पर राय को अहम माना जाता है| यह अहम पदों पर उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग करते है| यह कैबिनेट सचिवालय के साथ समन्वय और प्रशासनिक सुधारों में राय देते है| यह पीएमओ और ब्यूरोक्रेसी के बीच कड़ी का कार्य करते है|
अजित डोभाल
अजित डोभाल इन्हें संकटमोचक के नाम से जाना जाता है| 74 वर्षीय डोभाल पीएम मोदी के पहले और दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है| यह 2004 और 2005 में आईबी के निदेशक भी रह चुके है| मिजोरम और पंजाब की कार्यवाही, सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक की बड़ी योजनाओं के रणनीतिकार अजित डोभाल को ही माना जाता है| भारत की सुरक्षा से जुड़ें मुद्दों के लिए अजित डोभाल का नाम पहले आता है|
ये भी पढ़ें: PM मोदी के मंत्रिमंडल में किस राज्य से बने कितने मंत्री : पूरी लिस्ट यहाँ देखे