POCSO का नया नियम लागू, अब करना होगा मुआवजे का भुगतान 30 दिनों के ही अंदर

भारत में केंद्र सरकार द्वारा बाल यौन उत्पीड़न संरक्षण नियम (POCSO) 2020 को अधिसूचित किया है जो 2012 के स्थान पर पारित किया जायेगा । इस नए नियम में जो परिवर्तन हुआ है उसके तहत अब बाल यौन पीड़ितों को मुआवज़ा 30 दिनों के अंदर भुगतान होगा ।

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इस नियम के अंतर्गत विशेष न्यायालय को अंतरिम मुआवज़े का आदेश देने का अधिकार दिया जाता है ताकि रिपोर्ट दर्ज कराने तक किसी भी स्थिति में पुनर्वास और राहत की ज़रूरत को पूरा किया जा सके । नए नियम के अंतर्गत, यदि अपराधी का दोष सिद्ध होता है या उसको छोड़ दिया गया है या अपराधी के बारे में पता नहीं लगता है या उसकी पहचान नहीं की जा सकती है और विशेष न्यायालय को लगता है कि बच्चे को इस जुर्म के वजह से हानि हुआ है तो उस परिस्थिति में न्यायालय को मुआवज़ा देने का आदेश कर सकता है । नए नियम के अंतर्गत, राज्य सरकार न्यायालय का आदेश मिलने के 30 दिनों के अंदर मुआवज़े का भुगतान करना होगा ।

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इस नियम के अंतर्गत, जब एसजेपीयू का कोई अधिकारी या सम्बंधित पुलिस अधिनियम की धारा 19 के अंतर्गत कोई सूचना मिलती है कि इस अधिनियम के अंतर्गत कोई जुर्म हुआ है और वह इस विषय से संतुष्ट होता है कि जिस बच्चे के विरुद्ध हिंसा हुई है तो उसे तुरंत चिकित्सा और संरक्षण की आवश्यकता है तो सम्बंधित पुलिस इस प्रकार की सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर उस बच्चे को पास के किसी अस्पताल में ले जाएँ जिससे उसे तुरंत चिकित्सा प्राप्त हो सके ।

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