सरकार ने उठाया कदम, मास्क और हैंड सैनिटाइज़र को आवश्यक वस्तु घोषित किया गया

COVID-19 (नॉवेल कोरोनावायरस) के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को मास्क और हैंड सैनिटाइज़र को 30 जून, 2020 तक “आवश्यक वस्तुएं” के तौर पर घोषित कर दिया है । केंद्र सरकार और राज्य सरकार (प्रतिनिधिमंडल द्वारा) को मास्क के उत्पादन, गुणवत्ता और बाँटने को रोकने के लिए इन्हें आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत माना जाता है ।

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सरकार के ऐसे कदम उठाने से बाजार में सही कीमत पर मास्क और सैनिटाइज़र की उपलब्धता भी बढ़ जाएगी और इससे बाजार में मनमानी करने वालों पर नकेल कसने में सहायता मिलेगी, जो इसके लिए अधिक दाम ले रहे हैं । उपभोक्ता सम्बन्धी, खाद्य और लोक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार 13 मार्च को इस विषय में एक अधिसूचना जारी की है ।

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किसी वस्तु को “आवश्यक वस्तु” घोषित करने का अधिकार केंद्र सरकार को आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 2 ए के अंतर्गत होता है, जिससे सही कीमत पर उस सामान को बाँटने और उपलब्ध कराने में कर सकें । इसमें अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण, आदि को रोकने पर या धारा 5 के अंतर्गत राज्य सरकार को ऐसी शक्तियों को सौंपने का अधिकार है । धारा 3 के अंतर्गत किए गए किसी भी निर्देश का अपमान करना एक जुर्म है जो 7 वर्ष तक के कारावास के दंड हो सकते हैं ।

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