अब आखिरकार रिजर्व बैंक ने बिमल जालान समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है| वहीं अब इन सिफारिशों को मानते हुए सोमवार 26 अगस्त को रिजर्व बैंक ने 1.76 लाख करोड़ रुपये का लाभांश और अधिशेष आरक्षित कोष सरकार को ट्रांसफर करने के लिए मंजूरी का प्रस्ताव दे दिया है| अब इनके इस फैसले से नरेंद्र मोदी सरकार को राजकोषीय घाटा बढ़ाये बिना सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद प्राप्त होगी|
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वहीं जानकारी देते हुए बता दें कि, केंद्रीय बैंक ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल ने 1,76,051 करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला किया है| इसमें 2018-19 के लिये 1,23,414 करोड़ रुपये का अधिशेष और 52,637 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्रावधान के रूप में चिन्हित किया गया है| अतिरिक्त प्रावधान की यह राशि आरबीआई की आर्थिक पूंजी से संबंधित संशोधित नियमों (ईसीएफ) के आधार पर निकाली गयी है|
रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल ने बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को मंजूर करने के बाद यह फैसला लिया है| समिति को यह तय करने को कहा गया था कि, केंद्रीय बैंक के पास कितनी आरक्षित राशि होनी चाहिए| वही इस समिति में सरकार की तरफ से वित्त सचिव राजीव कुमार भी शामिल थे| इसके बाद समिति ने 14 अगस्त को अंतिम रूप दिया था| आरबीआई से प्राप्त राशि से सरकार को अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के प्रयासों में मदद मिलेगी|
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