RBI Monetary Policy: रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की कटौती, होम लोन सस्ता होने की बढ़ी उम्मीदे

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 RBI Monetary Policy:  बुधवार 7 अगस्त को रिजर्व बैंक ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.35 प्रतिशत की कटौती की है| इस बार लगातार चौथी बार कटौती की गई है| अब यह कटौती हो जाने के बाद रेपो दर 5.40 प्रतिशत रह गयी है। बता दें कि, रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो दर में यह कटौती हो जाने के बाद बैंकों पर कर्ज और सस्ता करने का दबाव बनाय जाने लगा है। इसके तहत अब कुछ ही दिनों के अंतर्गत में आवास, वाहन और व्यक्तिगत कर्ज पर ब्याज दर कम होने की पूरी संभावना है| 

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रेपो दर वह दर कही जाती है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकाल के लिये नकदी उपलब्ध कराता है। रेपो दर में इस कटौती के बाद रिजर्व बैंक की रिवर्स रेपो दर भी कम होकर 5.15 प्रतिशत, सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर घटकर 5.65 प्रतिशत ही बची हुई हैं|

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने कहा कि, पिछली बार की रेपो दर में कटौती का लाभ धीरे-धीरे वास्तविक अर्थव्यवस्था में पहुंच रहा है, नरम मुद्रास्फीति परिदृश्य नीतिगत कदम उठाने की गुंजाइश देता है ताकि उत्पादन में नकारात्मक अंतर की भरपाई की जा सके। केंद्रीय बैंक ने 2019-20 के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को भी सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत तक कर दिया है| वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 3.1 प्रतिशत की जा सकती है| वहीं दूसरी छमाही में इसके 3.5 से 3.7 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा ,कि रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की कटौती संतुलित है, 0.25 प्रतिशत की कटौती अपर्याप्त रहती हैं|’ जानकारी देते हुए बता दें कि, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वृहद आर्थिक स्थिति पर विचार करने के बाद ही यह फैसला किया है |    

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