बुधवार 28 अगस्त को इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने जापानी कंपनियों को इस्पात क्षेत्र में निवेश के लिये आमंत्रित किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘‘जापान के राजदूत केंजी हीरामात्सु के साथ सार्थक बातचीत हुई।’’ इसी के साथ उन्होंने दोनों पुराने लोकतांत्रिक देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत बनाने के लिए विचार -विमर्श किया और घरेलू इस्पात क्षेत्र में जापानी प्रौद्योगिकी और निवेश पर जोर देते हुए चर्चा की|
वहीं बता दें कि, अब जापान की इस्पात कंपनियों ने भारत में विनिर्माण गतिविधियों में निवेश में अपनी रूचि जाहिर की है। इसके तहत यह बैठक काफी ख़ास मानी जा रही है।
प्रधान ने कहा, ‘‘हमने दोनों देशों में स्थिर, कुशल और सुरक्षित ऊर्जा भविष्य के लिये जापानी प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन के उपयोग पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि, हमने द्विपक्षीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने और हमारी अर्थव्यवस्थाओं के समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिये परंपरागत, गैर-परंपरागत और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के नये रास्ते तलाशने पर भी चर्चा की।’’
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