फर्जी कंपनिया नहीं चलेगी सरकार करने जा रही यह काम

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केंद्र सरकार नें मुखौटा कंपनियों के विरुद्ध एक अभियान जारी करने की योजना बनायी है, जिसके अंतर्गत सभी फर्मों के लिए KYC अनिवार्य कर दिया जायेगा | सरकार द्वारा लागू की गयी, इस योजना के अंतर्गत देश में चलने वाली विभिन्न कंपनियों को अपने प्रमुख अधिकारियों और प्रोफेशनल से सम्बंधित दस्तावेज अनिवार्य रूप से देना होगा|

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मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ने पिछले वर्ष सभी पंजीकृत कंपनियों के डायरेक्टरों के लिए KYC प्रक्रिया आरम्भ की थी । मुखौटा अर्थात वह शेल कंपनियां जिनका कार्य सिर्फ कागजों पर होता है, तथा कम्पनियों द्वारा छिपाए गए धन या गैर कानूनी गतिविधियों के लिए बनाया गया होता है। इस प्रक्रिया के लागू होनें से जिन कम्पनियों द्वारा अपनी वार्षिक रिपोर्ट ना दिए जानें पर KYC प्रक्रिया को पूरा करने की स्वीकृति प्राप्त नही होगी, जिसके कारण वह कम्पनी अनेक ऑपरेशंस करने में असमर्थ होगी।

केवाईसी (KYC) बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाला एक लोकप्रिय शब्द है। ग्राहक की पहचान से संबंधित जानकारी के लिए केवाईसी विधि का प्रयोग किया जाता है। भारत सरकार नें व्यक्ति की पहचान हेतु 6 प्रकार के दस्तावेजों को केवाईसी के लिए प्रमाणित कार्यालयी दस्तावेज के रुप में विज्ञापित किया है, जिन्हें व्यक्ति की पहचान के रुप में प्रमाण माना गया है।

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