सुप्रीम कोर्ट : उन्नाव दुष्‍कर्म और एक्‍सीडेंट से जुड़े सभी केस दिल्‍ली ट्रांसफर, निचली अदालत 45 दिन में पूरी करे सुनवाई

रविवार 28 जुलाई को उन्नाव पीड़िता एक बड़े हादसे का शिकार हो गई जिसकी वजह से वो आज भी जीवन और मौत के बीच जूझ रही हैं| बता दें, कि इस पीड़िता के ही आरोप से उन्नाव बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में बंद हैं| जब इस पीड़िता ने आरोपी को जेल में बंद करवाया तभी से पीड़िता को काफी सस्याओं का सामना करना पड़ रहा रहा है| वही इन दिनों वह पीड़िता गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं|

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सुप्रीम कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश के उन्‍नाव दुष्‍कर्म और एक्‍सीडेंट से जुड़े सभी केस लखनऊ से दिल्‍ली ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली आदालत को निर्देश देते हुए कहा है कि, 45 दिन के भीतर सुनवाई पूरी करे। इसके साथ ही कहा कि, उन्‍नाव दुष्‍कर्म और इससे जुड़े सभी मामलों में रोजाना सुनवाई निचली अदालत में में की जाए| ताकि जल्‍द से जल्‍द पीडि़ता को न्‍याय मिले।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उत्‍तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए भी कहा है। साथ ही कोर्ट ने सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। कोर्ट का कहा कि पीडि़ता के परिवार के अलावा उन्‍नाव में रह रहे, उनके सभी संबंधियों को सुरक्षा उपलब्‍ध कराई जाए। 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को 7 दिनों में हादसे की जांच पूरी करने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने दोपहर 2 बजे तक पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट मांगी और साथ ही कहा है कि, अगर पीड़िता एयरलिफ्ट करने की हालत में है, तो उसे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया जाए। 

वहीं, मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने पीड़िता की मां द्वारा लिखी गई चिट्ठी का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि, वह चिट्ठी मुझ तक क्यों नहीं पहुंची? वहीं चीफ जस्टिस के सामने चिट्ठी पेश करने मे हुई देरी का स्पष्टीकरण देते हुए सेक्रेटरी जनरल ने कोर्ट को बताया कि, सुप्रीम कोर्ट मे हर महीने 5800 चिट्ठियाँ आती हैं। इस महीने 6900 चिट्ठियाँ आईं, जिसमें एक पीडि़ता की थी, लेकिन उन्हें पीडि़ता का नाम नही मालूम था।

सेक्रेटरी जनरल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 1988 के फैसले के मुताबिक, चिट्ठियों की जाँच चल रही थी और जब इस चिट्ठी के बारे में पता चला तो 30 जुलाई को सीजेआइ के सामने पेश की गई। कोर्ट ने कहा कि वह इस मुद्दे पर भी आदेश देगा।

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