UP Panchayat Election 2021 : यूपी के पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची पहुंची सुप्रीम कोर्ट में

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यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची आने के बाद ही मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार को वर्ष 2015 के अनुसार आरक्षण सूची जारी करने का आदेश दिया था लेकिन इसके विरोध में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल किया गया है। याचिकाकर्ता दलीप कुमार द्वारा हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने की मांग की है।

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इस समय, पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ही नये सिरे से तय पदों के आरक्षण व आरक्षित सीटों के आवंटन की प्रथम लिस्ट शनिवार को जारी होना आरम्भ हो गई है। इस तरह 22 मार्च तक चलने वाले सूची प्रकाशन के सिलसिले से ग्रामीण इलाकों में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल बना हुआ नजर आ रहा है। 11 फरवरी को पंचायती राज विभाग की तरफ से जारी शासनादेश में सीटों का जो आरक्षण जारी हुआ था व तीन मार्च को जो प्रथम लिस्ट जारी हुई थी उससे उम्मीदवारों के समीकरण बदल गये थे। हालांकि 15 मार्च को 1995 के स्थान पर 2015 को आधार वर्ष मानने को हाईकोर्ट के आदेशानुसार यूपी सरकार ने 17 मार्च को नया शासनादेश जारी किया। उसी शासनादेश के अनुसार में शनिवार को जारी सूची ने भी पंचायतों के आरक्षण में फिर से फेर बदलाव कर दिया गए हैं। जिसके कारण से गांव की सियासी सूरत बदली हुई नजर आ रही है |

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आरक्षण का अंतिम सूची 26 मार्च को जरी होगा

अब तक की व्यवस्था के मुताबिक 20 से 23 मार्च के बीच प्रथम लिस्ट पर दावे व आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं । जिसका निस्तारण 24 से 25 मार्च के बीच किया जाएगा। फिर अंतिम सूची बनाई जाएगी। अंतिम सूची का प्रकाशन 26 मार्च को किया जाएगा।

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