7th Pay Commission: अब एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आने से कर्मचारियो को बड़ी राहत मिली हैं| शनिवार 25 मई को केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने सातवें वेतन आयोग द्वारा की गई सिफारिश के मुताबिक़ कथित तौर पर अपने न्यूनतम वेतन में अतिरिक्त बढ़ोत्तरी करने की मांग की है| सरकार से कर्मचारी इस मांग के लिए काफी लम्बे समय से अपील कर रहें हैं और वहीं कर्मचारी इस मांग को सरकार के संज्ञान में ला रहें है, इसलिए सरकारी कर्मचारियों के हक़ में ये कदम उठाये जा सकते हैं | अब मोदी सरकार ये काम कर सकती हैं |
इसे भी पढ़े: लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आज नरेन्द्र मोदी पहुचे वाराणसी में, शपथ लेने से पहले पूजा अर्चना
जाकारी देते हुए बता दें, कि वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये दिया जाता है, लेकिन अभी कर्मचारी इस न्यूनतम वेतन से पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए वे कथित तौर पर न्यूनतम वेतन में 8,000 रुपये की वृद्धि करने की मांग कर रहे हैं| विशेष रूप से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को वर्ष 2016 में लागू कर दिया गया था|
इसके अतिरिक्त, वेतन आयोग ने पहले सिफारिश करते हुए कहा था, कि पे मैट्रिक्स को समय-समय पर लंबे समय तक इंतजार किए बिना समय-समय पर समीक्षा की जा सकती है| केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा फार्मूले के आधार पर की जा सकती है, जो गठित होने वाली वस्तुओं के परिवर्तन मूल्यों को ध्यान में रखता है और इस संबंध में जल्द से जल्द एक निर्णय लेने की संभावना है| इसमें एक या दो महीने का समय लगने की संभावना हैं|
इसे भी पढ़े: लोकतंत्र की शक्ति : बीपीएल कार्डधारक को भी बना दिया सांसद