सौर ऊर्जा विभाग उत्तर प्रदेश में परंपरागत बिजली के स्थान पर सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली की कमी पूरी करने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना पर कार्य कर रहा है | इस प्रोजेक्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 तक 10700 मेगा वाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करनें का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | अब उत्तर प्रदेश सचिवालय को सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन करनें की तैयारी की जा रही है, आगे आने वाले समय में यूपी सरकार के अन्य विभागों को भी सौर ऊर्जा से रोशन करने की योजना बनायीं जा रही है । यह जानकारी उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के मंत्री बृजेश पाठक द्वारा दी गयी है ।
ये भी पढ़े: रूफटाप सोलर पावर संयंत्रों को लोकप्रिय बनाने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत
उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के उपयोग में वृद्धि करनें के लिए सरकार द्वारा लगभग 7000 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है | इसके साथ ही विभाग द्वारा लोगो को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है | जिन क्षेत्रो में अभी तक बिजली नहीं पहुची है, वहां सौभाग्य योजना के माध्यम से सोलर पावर द्वारा बिजली उपलब्ध कराई जा रही है । सोलर प्लांट लोगो तक आसानी से उपलब्ध करानें के लिए विभिन्न योजनाओ के माध्यम से छूट दी जा रही है | उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रो में पंडित दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना संचालित की गई है, जिसके अंतर्गत 17000 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइटो का उपयोग किया जा रहा है ।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक के अनुसार, बिजली की बचत करने वाले घरों और औद्योगिक संस्थानों को चयनित कर पुरस्कृत किया जा रहा है, साथ ही सूर्य मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आठ सौ से अधिक सूर्य मित्रों को प्रशिक्षित कर उन्हें सोलर कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराया गया है ।
ये भी पढ़े: लखनऊ में लगेगा राज्य का पहला ऐसा प्लांट जहाँ प्लास्टिक कचरे से बनेगा डीजल