अभी तक जहाँ आर्मी कैंटीन से मंहगी गाड़ियां भी सस्ते में निकल आती थी, वहीं अब ऐसे नियम को हटा दिया गया है| इस नए नियम के तहत अब 1 जून 2019 से 12 लाख रुपये की अधिक कीमत वाली कार अब सरकारी कैंटीन से रियायती दर पर नहीं खरीदी जा सकेंगी|
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रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय ने चार पहिया वाहनों के खरीदने की पात्रता को सीमित करते हुए 24 मई को एक पत्र भेजा है| जिसमें लिखा गया है, कि अब अधिकारी और अन्य रैंक्स के सुरक्षाकर्मी हर आठ साल में सिर्फ एक बार ही कार की खरीददारी कर सकते हैं, और वहीं वरिष्ठ अधिकारी 2,500 सीसी तक के इंजन क्षमता वाली केवल एक कार खरीद सकते हैं | अन्य रैंक वाले अधिकारियों को केवल 1,400 सीसी की इंजन क्षमता वाली ही कार खरीदने की छूट है| इनकी कीमत पांच लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए|
जानकारी देते हुए बता दें, कि नया कानून लागू होने से कुछ दिन पहले ही निवर्तमान नेवी चीफ सुनील लांबा ने कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) से नई जीप कम्पास खरीदी है| यदि जीप कम्पास सीधे डीलर से खरीदी जाती है, तो इसके बेस मॉडल की ऑन रोड कीमत 15 लाख से भी अधिक होती है, वहीं टॉप मॉडल की कीमत 20 लाख से भी अधिक की जा सकती है | कैंटीन में जीप कम्पास सबसे महंगी कार थी, जो अब उपलब्ध नहीं होगी|
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