अब मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने वाले मुद्दे पर कई विपक्षी भी मोदी सरकार का समर्थन करने आगे आ गए हैं। वहीं मोदी सरकार का समर्थन कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेता भी कर रहें हैं। वहीं अब कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता पेशकश पर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर सफाई पेश करने के लिए कहा है।
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जानकारी देते हुए बता दें कि, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने के मुद्दे पर अभी कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी और ट्रंप के बीच लगभग 30 मिनट फोन पर बातचीत जारी रही थी। इसी के बाद इस बातचीत पर भड़कते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘क्या भारत में हिंदू-मुसलमान समस्या है? अगर नहीं तो डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर सरकार चुप क्यों है? इस बात को स्पष्ट नहीं करके क्या हम स्वीकार कर रहे हैं कि हमें दोनों समुदायों से कोई समस्या है?’
इसी के साथ उन्होंने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोन पर डोनाल्ड ट्रम्प से बात करने और एक द्विपक्षीय मुद्दे पर चर्चा करने पर मुझे आश्चर्य हुआ है।’ पीएम मोदी के इस कदम से ऐसा लगता है कि, जो ट्रम्प ने पहले कश्मीर पर दावा किया था। यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है।’
इसके बाद ओवैसी ने पूछा कि, क्या ट्रम्प पूरी दुनिया के ‘पुलिसकर्मी’ हैं या ‘चौधरी’। उन्होंने कहा, ‘हम शुरू से ही यह कहते रहे हैं कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है। भारत का इस पर बहुत ही स्थिर रुख है। फिर प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से बातचीत करने और इसकी शिकायत करने की क्या आवश्यकता थी।’
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