अयोध्या विवाद / चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में आज होगी मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट आज 11 जुलाई को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में जल्द सुनवाई की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करेगा |  यह सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच करेगी| बता दें, कि 9 जुलाई को एक वादकार गोपाल सिंह विशारद ने अयोध्या मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी |

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वादकार गोपाल सिंह विशारद का कहना है, कि उच्चतम न्यायालय ने इस विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये आठ मार्च को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की थी, लेकिन इसमें बहुत कुछ नहीं हो रहा है।

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कोर्ट ने 8 मार्च को मध्यस्थता पैनल बनाया

1.प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की तीन सदस्यीय खंडपीठ से विशारद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने इस मामले का उल्लेख करते हुये कहा, कि मालिकाना हक के इस विवाद को शीघ्र सुनवाई के लिये न्यायालय में सूचीबद्ध किये जाने की आवश्यकता है। नरसिम्हा ने कहा कि तीन सदस्यीय समिति को न्यायालय द्वारा सौंपे गये भूमि विवाद के इस मामले में अधिक कुछ नहीं हो रहा है ।

2.समिति में पूर्व जस्टिस एफएम कलिफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, सीनियर वकील श्रीराम पंचू शामिल। बेंच ने सदस्यों को आठ सप्ताह में इस प्रकरण का हल निकालनें के लिए निर्देशित किया था, इसके साथ ही पूरी बातचीत कैमरे के सामने होनी चाहिए ।

3.मई में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस.अब्दुल नजीर की बेंच ने मध्यस्थता समिति को इस मामले को सुलझाने के लिए 15 अगस्त तक का समय दिया था।

4.इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2010 में अपने निर्णय में कहा था, कि अयोध्या में विवादित स्थल की 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारो–सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर बराबर बांट दी जाये। उच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में कुल 14 अपील दायर की गयी हैं।

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