पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बदायूं लोकसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ है| पिछले 6 लोकसभा चुनाव से समाजवादी पार्टी इस सीट पर लगातार जीत दर्ज की है| यहाँ से सांसद के धर्मेंद्र यादव हैं, जो सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भतीजे है| वह लगातार दो बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं| पिछले चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद भी समाजवादी पार्टी यहां से बड़े अंतर से जीती थी, ऐसे में अब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के बाद भी भारतीय जनता पार्टी की जीत आसान नहीं दिख रही है|
ये भी पढ़े: बरेली लोकसभा सीट क्या है चुनावी माहौल, क्या रहा अब तक इतिहास
बदायूं लोकसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि
पिछले दो दशक में बदायूं लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ बन चुकी है| शुरुआती दौर के चुनाव में यहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीते थे, परन्तु 1962 और 1967 में यहां भारतीय जनसंघ ने चुनाव बड़े अंतर से जीता था| यदि 1977 चुनाव को छोड़ दें, तो कांग्रेस ने 1971, 1980 और 1984 का चुनाव इस सीट से जीता था| इसके बाद कांग्रेस इस सीट पर कभी कांग्रेस वापसी नहीं कर पाई|
वर्ष 1989 का चुनाव जनता दल के खाते में गया और 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाया| 1996 में समाजवादी पार्टी के सलीम इकबाल ने यहां पर चुनाव जीता, जिसके बाद यहां सपा का एक छत्र राज शुरू हुआ| सलीम इकबाल ने लगातार चार बार यहां से चुनावी परचम लहराया| 2009 में इस सीट पर यादव परिवार की एंट्री हुई और मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव ने जीत दर्ज की| पिछले चुनाव में भी उन्होंने आसानी से बीजेपी के प्रत्याशी को पराजित किया|
बदायूं लोकसभा सीट पर मतदाता
बदायूं जिले की जनसंख्या लगभग 3,681,896 है, जिसमें से 1,967,759 पुरुष और 1,714,137 महिलाएं हैं| देश की 250 सबसे पिछड़े इलाकों में से एक है, साक्षरता दर 51.29% मात्र है| वर्ष 2014 में 1769145 लोगों ने मतदान किया जिसमें 55 प्रतिशत पुरुष और 44 प्रतिशत महिलाओं की भागेदारी रही| बंदायू में 77 प्रतिशत हिंदू और 21 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है| इस सीट पर सपा और बसपा गठबंधन के बाद चुनाव दिलचल्प होने के आसार हैं।
बदायूं लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं| इनमें गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्सी और बदायूं शामिल हैं| वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इसमें से सिर्फ सहसवान सीट पर ही समाजवादी पार्टी जीत पाई थी, जबकि बाकी सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी थी|
वर्ष 2014 में जनादेश
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में धर्मेंन्द्र यादव को 498378(48.5फीसदी) वोटें प्राप्त हुई थीं, जबकि दूसरी नंबर रही बीजेपी को 332031 (32.31 फीसदी) वोटें मिली थीं, वही बीएसपी 15.28 फीसदी वोट पाकर तीसरे नंबर पर रही थी| वर्ष 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल 58 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें से लगभग 6200 वोट नोटा में गए थे|
ये भी पढ़े: मेरठ लोकसभा सीट में कितने है वोटर, क्या है चुनावी समीकरण