भगवान शिव की आंख से गिरे आंसू से हुई थी इस वृक्ष की उत्पत्ति, क्या आप जानते हैं इस रहस्य को

आपने अधिकतर लोगों को देखा होगा कि वे लोग गले में रुद्राक्ष की माला अपने गले में पहने रहते हैं और वहीं कुछ लोग रुद्राक्ष की माला को फेरते भी हैं | क्या आपको मालूम है कि इस रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई है या फिर कहें कि भगवान शिव की आँख से गिरे आंसू से कौन से वृक्ष की उत्पत्ति हुई है | इसका क्या रहस्य है? इसलिए आप भी जान लीजिये इस रहस्य के बारे में –

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पुराणों में बताया गया है कि एक बार भगवान शिव माता सती के वियोग में बैठे हुए थे और तभी उनका ह्रदय द्रवित हो उठा और उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे और वही आंसू कई स्थानों पर जाकर गिरे और जहाँ – जहाँ भगवान शिव के आंसू गिरे थे तो उन्हीं स्थानों पर रुद्राक्ष के वृक्षों की उत्पत्ति हो गई |

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इसके अतिरिक्त पुराणों में कहा गया है कि सतयुग में ब्रह्माजी के वरदान से प्रबल होकर त्रिपुर नामक दैत्य तीनों लोको का विनाश करने की योजना बनाने में लगा था | इसे देखकर सभी देवी-देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना कर उसके साथ युद्ध करने के लिए कहा | युद्ध करने के दौरान शिव के शरीर से पसीने की बूंदे धरती के कई स्थानों पर जा गिरी और उन सभी स्थानों पर रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पत्ति हो गई |

इसी तरह भगवान शिव की आँखों से गिरे आंसू और उनके शरीर से निकले हुए पसीने से रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पत्ति हुई है |

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