सुएज कैनल के ब्लॉक होने से तमाम देशों में तेल सप्लाई पर असर पड़ा है, लेकिन भारत की क्रूड सप्लाई पर इसका कुछ खास असर न पड़ने की बात बताई जा रही है। हालांकि यह भी बताया गया है, कि अगर यह रुकावट 48 घंटों से अधिक समय तक बानी रही तो टैंकर रेट बढ़ सकती हैं, जिसके कारण से फ्यूल कंज्यूमर्स को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
नई दिल्ली
400 मीटर के एक बड़े कंटेनर शिप के कारण से ब्लॉक सुएज कैनल (Suez Canal) को खुलने में अभी अधिक समय लग सकते हैं। आप को बता दें कि इतना ही नहीं जितने दिन सुएज कैनल ब्लॉक रहेगा, हर दिन 9 अरब डॉलर के सामान की आवाजाही पर असर पड़ेगी। जिसके कारण से फ्यूल कंज्यूमर्स को नुकसान हो सकता है। साथ ही भारतीय रिफाइनर्स द्वारा यूरोप को पेट्रो प्रॉडक्ट्स का एक्सपोर्ट पर भी असर पड़ सकता है।
सुएज कैनल सबसे व्यस्ततम शिपिंग चैनल्स में से एक
सुएज कैनल विश्व के सबसे व्यस्ततम शिपिंग चैनल्स माना जाता है। कैनल में फंसे कंटेनर शिप को बहार निकालने में जुटी एक सैल्वेज कंपनी का कहना है, कि कैनल को अनब्लॉक कर पाने में अभी कई सप्ताह लग सकते हैं। यह कैनल को दोनों दिशाओं में ब्लॉक कर रहा है। गुरुवार को अधिकारियों ने कैनल में प्रवेश कर रहे सभी शिप्स को अभी रोक दिया है, जिससे ग्लोबल ट्रेड के लिए एक और झटका लगा है। सुएज कैनल की अथॉरिटी का कहना है, कि 9 टग की सहायता से फंसे हुए कंटेनर शिप को निकलने की कवायद चल रही है। टग उन मरीन वैसल्स को कहा जाता है, जो दूसरे जहाजों को खींचने या धकेलने में मदद करते हैं। सुएज कैनल की अथॉरिटी के अनुसार, उन्होंने अभी अस्थायी रूप से पूरे ट्रैफिक पर रोक लगा दी है। शिपिंग जर्नल Lloyd’s List का कहना है, कि सुएज कैनल के ब्लॉक रहने से हर दिन 9 अरब डॉलर के सामान की आवाजाही पर असर पड़ेगी।
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सुएज कैनल क्यों महत्वपूर्ण है?
पूरे ग्लोबल ट्रेड में से 10 फीसदी की आवागमन सुएज कैनल के माध्यम से ही होती है। इसमें वैश्विक तेल सप्लाई की 7 फीसदी सप्लाई भी शामिल है। कैनल के ब्लॉक होने के पश्चात इंटरनेशनल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत करीब 3 फीसदी बढ़कर 63 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं। कैनल के जरिये आने जाने वाला माल आमतौर पर पूर्व से पश्चिम की तरफ जाता है। तेल के बजाय पर्शियन गल्फ से लिक्विफाइड नेचुरल गैस और चीन से फर्नीचर, कपड़ों व सुपरमार्केट बेसिक्स की सप्लाई भी कैनल के माध्यम से होकर गुजरती है। सुएज कैनल के ब्लॉक होने की वजह से सामान की डिलीवरी में तो लेट हो ही रही है, साथ ही खाली कंटेनर भी एशिया वापस नहीं जा पा रहे हैं।