आज गुरुवार 27 सितंबर को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ अपने खिलाफ हितों के टकराव मामले में अपना पक्ष रखने के लिए बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन के समक्ष पेश हुए| द्रविड़ के खिलाफ मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि, द्रविड़ ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का क्रिकेट निदेशक पद संभालने से पहले इंडिया सीमेंट्स (आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक) से ‘अवकाश लिया है, और अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया।”
इसे भी पढ़े: आश्विन के मांकडिंग रन आउट राहुल द्रविड़ ने कही ये बड़ी बात – पढ़ें पूरी खबर
वहीं मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीओए ने द्रविड़ का समर्थन किया, और इसके प्रमुख पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्ष क विनोद राय ने आचरण अधिकारी को पत्र लिखकर दो उदाहरण देते हुए कहा है कि, जब किसी व्यक्ति के किसी संस्था से अवकाश को उनके मौजूदा पद के साथ हितों के टकराव के रूप में नहीं देखा गया।”
सीओए प्रमुख ने सुनवाई से पहले एक नोट लिखा है कि, उन्हें लगता है कि अगर द्रविड़ ने अवकाश लिया है, तो उनका हितों का टकराव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर राजन का उदाहरण दिया, जिन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षक की भूमिका से अवकाश ले लिया था।
उन्होंने कहा, ”इसके अलावा अरविंद पनगढ़िया का भी उदाहरण दिया गया। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष भी कोलंबिया विश्वविद्यालय से अवकाश लेकर आए थे। इन दोनों ही मामलों में उक्त व्यक्ति बेहद संवेदनशील सरकारी पदों पर थे और अपने पिछले नियोक्ता से कोई वेतन नहीं ले रहे थे।”
अधिकारी ने कहा, ”सीओए का मानना है, कि अगर द्रविड़ ने घोषित किया है और इंडिया सीमेंट्स से कोई वेतन नहीं ले रहा तो उनका हितों का टकराव नहीं है। वहीं, उम्मीद की जा रही है कि, इस मामले में पाक साफ होने के लिए द्रविड़ को अपने पद से इस्तीफा देने को कहा जा सकता है।”
इसे भी पढ़े: बुमराह के चोटिल होने के बाद अब इस दिग्गज गेंदबाज को टीम इंडिया में मिला मौका