हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है| यह त्यौहार सभी हिन्दू धर्म के लोग बहुत ही धूमधाम के साथ मनाते हैं| वहीं मान्यता है कि, इसी दिन आदिगुरु महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास यानी कि महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था| वे संस्कृत के महान विद्वान थे, उन्होंने महाभारत जैसा महाकाव्य लिखा है|
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इसी के 18वें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया हैं| महर्षि वेदव्यास सभी 18 पुराणों का रचयिता भी कहे जाते है| इसी वजह से इनका नाम वेदव्यास पड़ गया था| वेदव्यास आदिगुरु भी कहे जाते है, इसलिए गुरु पूर्णिमा व्यास पूर्णिमा के नाम से भी प्रसिद्द है | जानकारी देते हुए बता दें, कि इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है|
इस दिन है गुरु पूर्णिमा
हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं,वहीं इस बार गुरु पूर्णिमा गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई मनाई जाएगी|
शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा का महत्व गुरु पूर्णिमा प्रारंभ: 15 जुलाई 2019 को रात 01 बजकर 48 मिनट से
गुरु पूर्णिमा तिथि सामप्त: 16 जुलाई 2019 की रात 03 बजकर 07 मिनट तक
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की जाती है| इस दिन जो लोग पूरे विधि-विधान के साथ गुरु की पूजा करते हैं, उनके जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और गुरु हमेशा उनपर अपनी कृपा बनाये रखते हैं|
पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा के दिन सभी भक्तों को सुबह उठकर सबसे पहले घर की साफ-सफाई करनी चाहिए| इसके बाद सुबह ही स्नान आदि से निवृत करनें के पश्चात घर के मंदिर में किसी चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनानी चाहिए |इसके बाद इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिएए – ‘गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये’ | पूजा के बाद अपने गुरु या उनके फोटो की पूजा करनी चाहिए| अगर गुरु सामने ही हैं, तो सबसे पहले उनके चरण धोने चाहिए और फिर उन्हें तिलक लगाएं और फूल अर्पण करें फिर भोग लगाना चाहिए|
गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ रहा चंद्र ग्रहण
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है| यह ग्रहण 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होकर 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा| इस बार यह चंद्र ग्रहण पूरे देश में लगेगा|
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