हिंदी साहित्य जगत के प्रखर आलोचक नामवर सिंह का निधन

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हिंदी के मशहूर साहित्यकार डॉक्टर नामवर सिंह का निधन हो गया है, उन्होंने मंगलवार रात लगभग 11.50 पर दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली, नामवर सिंह 93 वर्ष के थे | उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से खराब चल रहा था, जिसके कारण वह एम्स में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 3 बजे लोधी रोड शव गृह में किया जाएगा, उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री है, जबकि उनकी पत्नी का निधन कई वर्ष पहले ही हो गया था।

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सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आनुसार, इसी वर्ष जनवरी माह में वह अपने घर में अचानक गिर गए थे, जिसके पश्चात उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था, परन्तु वह ख़तरे से बाहर हो गए थे और डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत में सुधार भी हो रहा था, परन्तु अचानक उनकी मृत्यु हो गयी |

हिंदी के मशहूर साहित्यकार डॉक्टर नामवर सिंह का जन्म जुलाई 1926 में यूपी के चंदौली जिले के जीयनपुर गांव में हुआ था। डॉ. नामवर सिंह हिंदी साहित्य के बड़े रचनाकार हजारी प्रसाद द्विवेदी के शिष्य थे | उन्होंने काशी विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमए और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी, और बाद में उन्होंने इसी विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी था ।

साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित नामवर सिंह जी ने हिंदी साहित्य में आलोचना को एक नया आयाम दिया। ‘छायावाद, ‘इतिहास और आलोचना, ‘कहानी नयी कहानी, ‘कविता के नये प्रतिमान, ‘दूसरी परम्परा की खोज और ‘वाद विवाद संवाद उनकी प्रमुख रचनाएं हैं। उन्होंने हिंदी की दो पत्रिकाओं ‘जनयुग और ‘आलोचना का संपादन भी किया।नामवर सिंह की गिनती देश के बड़े बुद्धिजीवियों तथा विद्वानों में होती है|  

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