TERM PLAN लेने जा रहे हो, तो जान ले किन बातों पर नहीं मिलेगा आपको एक भी पैसा, ये हैं 8 वजह !

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अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा देनें के उद्देश्य से हम लाइफ इंश्योरेंस प्लान में पैसा इनवेस्ट करते हैं, क्योंकि लाइफ इंश्‍योरेंस किसी व्‍यक्ति के न रहने की दशा में उसके परिवार को आर्थिक कमी का एहसास नहीं होने देता है| अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियां कई प्रकार के लाभों को दिखाते हुए ग्राहकों को इसमें शामिल करते है, लेकिन इन लाइफ इंश्योरेंस प्लान के साथ कई ऐसी शर्तें होती हैं, जिनके बारे में हमें बताया नहीं जाता, जबकि कंपनियां पॉलिसीधारक को कब और किस शर्त पर उसका पैसा देगी यह पूर्व निर्धारित होता है|

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कंपनी ने ऐसी ही कुल 8 शर्तें निर्धारित कर रखी  हैं, यदि किसी पॉलिसीधारक की मौत इन 8 शर्तों के मुताबिक हो जाती है, तो उसे लाइफ इंश्योरेंस प्लान का एक भी पैसा नहीं दिया जाता। आइए जानते हैं ये आठ शर्तें कौन-कौन सी हैं?

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1.अगर मर्डर हो जाये पॉलिसीधारक का

यदि किसी पॉलिसी धारक का मर्डर हो जाता है, और जांच में यह पता चलता है, कि वह किसी क्राइम में शामिल था, तो कंपनी उसे पैसा नहीं देगी। पॉलिसीधारक को पैसा तभी मिलेगा, जब उससे हत्या के आरोप हटा लिए जाए या फिर उसे बरी कर दिया जाए। कंपनी पॉलिसीधारक का भुगतान तब तक नहीं करती है जब तक मामले में नॉमिनी के पक्ष में फैसला नहीं आ जाए। यदि पॉलिसी होल्डर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा हो लेकिन उसकी मौत डेंगू, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से होती है, तो ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस क्लेम दिया जाता है।

2.अल्कोहल हो अगर मृत्यु का कारण

अगर किसी पॉलिसीधारक की मृत्यु अल्कोहल के कारण होती है, तो उसे इंश्योरेंस क्लेम नहीं दिया जाता है। ऐसे शख्स जो जो भारी मात्रा में शराब पीते हैं, कंपनियां ऐसे पॉलिसीधारक को इंश्योरेंस क्लेम नहीं देती हैं| यदि पॉलिसीधारक प्लान लेते वक्त इस बात का जिक्र नहीं करते है, कि वह भारी मात्रा में शराब पीते हैं, तो कंपनियां पॉलिसीधारक की मौत होने पर इंश्योरेंस क्लेम नहीं देती।

3.स्मोकिंग के बारें में ना बताना

यदि आपको स्मोकिंग की आदत है, तो टर्म प्लान लेते समय इसकी जानकारी कंपनी को अवश्य दें, क्योंकि स्मोकिंग करने वालों को अक्सर हेल्थ से जुड़ी होती हैं। यदि पॉलिसीधारक स्मोकिंग की बात कम्पनी से नहीं बताते हैं, और स्मोकिंग की वजह से पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है, तो फिर कंपनी इंश्योरेंस क्लेम का पैसा नहीं देती है।

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4.खतरनाक गतिविधियों में शामिल होनें पर

यदि किसी पॉलिसीधारक की एडवेंचर और खतरनाक गतिविधियों में शामिल होने की वजह से मौत होती है, तो कंपनी इंश्योरेंस क्लेम से इनकार कर देती है, क्योंकि ये वे गतिविधियां हैं, जिसमें पॉलिसीधारक अपनी जिंदगी को खतरे में डालते हैं। यदि  पॉलिसीधारक की कार और बाइक रेसिंग, स्काईडाविंग, पैरागलाइडिंग, पैराशुटिंग और हाईकिंग जैसे एडवेंचर स्पोर्ट्स में मौत हो जाती है, तो कंपनी इंश्योरेंस क्लेम करने की अनुमति नहीं देती।

5.एचआईवी और ड्रग ओवरडोज से मृत्यु होनें पर

एचआईवी और ड्रग ओवरडोज से होनें वाली मृत्यु में कंपनी पॉलिसीधारक को इंश्योरेंस क्लेम की अनुमति नहीं देती है| शारीरिक बीमारी जैसे एचआईवी या एड्स से होने वाली मौत पर कंपनी इंश्योरेंस क्लेम के लिए मना करती हैं। इसके साथ ही ड्रग ओवरडोज से पॉलिसीधारक की मृत्यु होनें पर भी कम्पनी इंश्योरेंस क्लेम नहीं देती है।

6.प्रसव के दौरान मृत्यु होनें पर

यदि किसी पॉलिसीधारक की प्रसव के दौरान मौत हो जाती है, तो कंपनी इंश्योरेंस क्लेम नहीं देती। प्रेगनेंसी के दौरान, या फिर प्रसव के दौरान होने वाली मौत पर इंश्योरेंस क्लेम नहीं दिया जाता है।

7.मौत की वजह आत्महत्या

यदि कोई पॉलिसीधारक आत्महत्या कर लेता है, तो ऐसी स्थिति में भी कंपनी इंश्योरेंस क्लेम से इनकार कर सकती है। यदि पॉलिसीधारक टर्म प्लान लेने के एक साल के अंदर आत्महत्या कर लेता है, तो नॉमिनी को इंश्योरेंस क्लेम की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि अधिकांश कंपनियां पॉलिसी खरीद की तारीख के दूसरे वर्ष से आत्महत्या कवरेज प्रदान करती हैं।

8.प्राकृति आपदा से मृत्यु होनें पर

प्राकृतिक आपदा जैसे -भूकंप या फिर तूफान आदि के कारण किसी पॉलिसीधारक की मृत्यु होती है, तो पॉलिसीधारक में नामित व्यक्ति को इशोयरेंस क्लेम नहीं दिया जाता। भूकंप, सुनामी आदि प्राकृतिक आपदाओं में मृत्यु होनें के कारण भी इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत क्लेम नहीं दिया जाता है।

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