जम्मू-कश्मीर: किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें के लिए हर एक अभ्यर्थी को कड़ी से कड़ी मेहनत करनी पड़ती हैं| इसी तरह अब जम्मू-कश्मीर की इरमीम शमीम ने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में पहली ही बार में सफलता हासिल कर एक इतिहास बनाया है| सबसे खास बात यह है, कि इस अभ्यर्थी ने जम्मू-कश्मीर मची इतनी उथल-पुथल के बावजूद भी जून महीने में इस परीक्षा को पास किया है|
इरमीम शमीम ने एम्स एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा बहुत ही बेहतरीन अंको के साथ पहले ही प्रयास में पास कर दिखाया है| जम्मू- कश्मीर के बिगड़े चल रहे हालातों के बीच उन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस रखते इस मुकाम तक पहुंची है|
इरमीम के परिवार वाले गरीब श्रेणी के लोग हैं और वो एक पिछड़े समुदाय से हैं| अभी भी उसका परिवार आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है| इरमीम को अपनी पढ़ाई करने के हर दिन 10 किलोमीटर पैदल स्कूल जाती थीं, क्योंकि उनके गांव के पास और कोई भी कोई अच्छा स्कूल नहीं था| जहाँ वो अपने सपनो को पूरा कर सकती|
इरमीम ने कहा “सभी के जीवन में कुछ न कुछ दिक्कतें होती हैं, लेकिन हम सभी को उन दिक्कतों से लड़ना चाहिए,जिसके बाद सफलता निश्चित रूप से आपके पास आएगी|”
इरमीम की इतनी बड़ी सफलता हासिल करने से उनके परिवार वाले बेहद खुश दिखाई दे रहें हैं, क्योंकि वे उसे एक सफल डॉक्टर के रूप में देखना चाहते हैं, ताकि उनकी बेटी जम्मू-कश्मीर और देश के लोगों की सेवा करती रहे|
इरमीम की सफलता के बारे में उनके चाचा लियाकत चौधरी ने कहा है कि, लड़कियां इस क्षेत्र की आशा हैं| इसी के साथ कहा, “जम्मू और कश्मीर की लड़कियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई है |”
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