आज 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस हैं| वहीं कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे हो गए हैं, इसलिए पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है| एक कार्यक्रम में वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि, बीते 20 सालों में एयरफोर्स ने खुद को बहुत कुछ बदल दिया है। सबसे बड़ा जो बदलाव सामने आया है वह है हमारा सर्विलांस। हम अब काफी सचेत और मुश्तैद हैं। कारगिल से पहले हम घुसपैठ पर ध्यान नहीं देते थे। मगर अब चप्पे-चप्पे पार नजर है।’
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धनोआ ने कहा कि, करगिल युद्ध के बाद से एयरफोर्स की क्षमताओं में काफी वृद्धि हुई। इससे हम हवा में किसी भी प्रकार के खतरे का जवाब दे सकते हैं। करगिल के वक्त बम फेंकने की जो क्षमता सिर्फ मिराज-2000 में थी, आज वह क्षमता सुखोई-30, जगुआर, मिग-29 और मिग-27 अपग्रेडेड में भी है। इसी साल 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद एयरफोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था।”
इसी के साथ उन्होंने कहा कि, आज हम सुखोई-30, मिग-29 और मिराज 2000 से बीवीआर (बियॉन्ड विजुअल रेंज) मिसाइल ले जाने में सक्षम हैं। वायुसेना के पास अवाक्स है, जो दुश्मन देश के भीतरी हिस्से से भी एयरस्पेस को मॉनिटर करने में सक्षम हो सकता है|
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